My Psycho Husband:
Episode 1
पुणे,
रात का वक्त,
हॉस्पिटल में,
इस वक्त एक इमरजेंसी वार्ड के अंदर एक औरत के जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी, जैसे कि उसकी डिलीवरी हो रही हो। बाहर एक आदमी परेशान हालत में टहल रहा था। तभी उसने खुद से कहा,
उसे बहुत दर्द हो रहा है। मैं अपनी बीवी को इतने दर्द और तकलीफ में नहीं देख सकता। तुझे बच्चा चाहिए था, आखिर! लेकिन अपनी बीवी को इतनी तकलीफ में देखकर, मैं बच्चों से प्यार कैसे कर सकता हूँ?
यह सवाल करते हुए वह आदमी गुस्से से कांपने लगा। तभी कुछ ही देर में इमरजेंसी वार्ड का दरवाजा खुला। दरवाजा खुलते ही वह आदमी तुरंत उसकी तरफ बढ़ा और बेताबी के साथ बोला,
मेरी बीवी कैसी है? उसे इतना दर्द क्यों हो रहा था? वह ठीक तो है न? अगर उसे कुछ हुआ होगा, तो मैं तुम सबको जिंदा नहीं छोड़ूंगा!
डॉक्टर उसकी बात सुनकर घबरा गए और बोले,
मिस्टर ठाकरे, आप इतना परेशान क्यों हो रहे हैं? यह सिर्फ एक नॉर्मल डिलीवरी थी, और औरतों को ऐसी तकलीफ होती है।
यह सुनकर रोहन ठाकरे ने गुस्से में कहा,
नहीं! मैं अपनी बीवी को इतनी तकलीफ में डालकर एक बच्चे का बाप नहीं बन सकता। मैं अपनी बीवी से अपने बच्चों से बढ़कर प्यार करता हूँ। इसलिए, पहले मुझे यह बताओ कि वह ठीक है या नहीं।
यह सुनकर डॉक्टर एक-दूसरे का मुंह देखने लगे। उन्हें इस वक्त रोहन की बातें बहुत ही पागलपन भरी लग रही थीं। डिलीवरी नॉर्मल सी बात थी, लेकिन रोहन जिस तरह अपनी बीवी के लिए पागल हो रहा था, उसे देखकर डॉक्टर ने हिचकिचाते हुए कहा,
"वह अभी बेहोश है। थोड़ी देर में उन्हें होश आ जाएगा। लेकिन कम से कम आपको एक बार यह तो पूछना चाहिए कि आपको बेटा हुआ या बेटी।
रोहन ने गुस्से में कहा,
मुझे फर्क नहीं पड़ता! वह बच्चा इस दुनिया में मेरी बीवी को तकलीफ पहुँचाकर आया है। इसके लिए मैं उसे माफ नहीं करूँगा। उसे ले जाओ मेरी नज़रों से दूर। मुझे अपनी बीवी से मतलब है, सिर्फ और सिर्फ अपनी बीवी से!"
यह कहते हुए वह आदमी सीधे अंदर की तरफ बढ़ गया। डॉक्टर यह सुनकर बिल्कुल शॉक हो गए और बस एक-दूसरे को देखते रह गए।
रोहन तुरंत अंदर की तरफ बढ़ा। अंदर पहुँचते ही उसकी नज़र बेड पर गई, जहाँ पर एक खूबसूरत सी औरत बेहोशी की हालत में लेटी हुई थी।
उस औरत की खूबसूरती वाकई कमाल की थी, लेकिन उसका चेहरा पीला पड़ा हुआ था। कुछ सेकंड तक रोहन अपनी बीवी को घूरता रहा और फिर तुरंत उसके पास आया। उसने झटके के साथ उसके हाथ को पकड़ा और बोला,
जानवी, तुम ठीक तो हो न? तुम्हें कुछ हुआ तो नहीं? आई एम सॉरी, जानवी! मुझे नहीं पता था कि डिलीवरी के वक्त इतना ज्यादा तकलीफ होती है। अगर मुझे इस बात का एहसास होता, तो मैं कभी तुम्हें बच्चा पैदा करने के लिए न कहता। हम दोनों ही एक-दूसरे के लिए काफी थे। हमें किसी बच्चे की जरूरत नहीं थी। लेकिन जिस बच्चे की वजह से यह सब कुछ हुआ है, मैं उसे माफ नहीं करूंगा। तुम प्लीज़ होश में आओ। तुम्हें पता है न कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ? मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूँ, किसी भी हद तक गिर सकता हूँ। इसलिए प्लीज़ अपनी आंखें खोलो!
यह कहते हुए रोहन बार-बार उसके चेहरे को थपथपाने लगा। तभी धीरे-धीरे जानवी की आंखें खुलने लगीं।
उसकी आंखें खुलीं तो उसकी पूरी नजरें रोहन की काली, गहरी आँखों से मिलीं। रोहन ने जैसे ही उसे होश में देखा, उसके चेहरे पर बड़ी सी मुस्कुराहट आ गई। उसने तुरंत उसके माथे पर किस करके कहा,मेरी जानवी को होश आ गया! मेरी जानू, तुम्हें पता नहीं है, लेकिन मैं तुम्हारे लिए बहुत ज्यादा परेशान हो गया था। तुम जब ऐसे चिल्ला रही थी दर्द में, तो मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं पागल हो जाऊंगा। पर अब तुम्हें होश में देखकर मैं बहुत खुश हूँ।
यह कहकर वह फिर से उसके माथे और पूरे चेहरे पर किस करने लगा। अचानक जानवी की आँखों में डर भर गया, और वह धीरे से डर कर बोली, तुमने मेरे बच्चे के साथ कुछ किया तो नहीं, न?
जैसे ही जानवी ने यह बात कही, अचानक से रोहन, जिसकी आँखों में प्यार दिखाई दे रहा था, एकदम से हैवानियत और शैतानी से भर गया। अगले ही पल उसकी पकड़ जानवी के चेहरे पर कस गई, जिससे जानवी के मुँह से एक दर्द भरी आह निकल गई।
जानवी की आँखें भी डर से भर गई थीं, लेकिन तभी रोहन ने उसके चेहरे को कसकर दबाते हुए कहा,
मैं यहाँ तुम्हारे लिए इतना ज्यादा परेशान हो रहा हूँ, और तुम्हें अपने बच्चों की फिक्र है? सच कहूँ, तो तुम्हें मुझसे कभी प्यार था ही नहीं। जो भी प्यार करता था, सिर्फ मैं ही करता था। तुम्हें तो हमेशा से सिर्फ अपने बच्चों की परवाह थी, और आज भी होश में आने के बाद तुम अपने बच्चों के बारे में पूछ रही हो! तुम्हें इस बात की फिक्र तक नहीं है कि मैं पिछले ढाई घंटे से तुम्हारे लिए तड़प रहा था!
कहते हुए उसने उसके चेहरे को और कसकर दबाया। जानवी की आँखों में दर्द से आँसू आ गए, और वह बहुत ही कमजोर आवाज में धीरे से बोली,
रोहन, आई एम सॉरी। मुझे माफ कर दो। ऐसी बात नहीं है। तुम गलत समझ रहे हो ना।
लेकिन रोहन गुस्से से चिल्लाते हुए बोला,
मैं तो बस क्या? क्या कहना चाहती हो तुम? यही जताना चाहती हो, ना, कि तुम्हारे लिए वह बच्चा इंपॉर्टेंट है? अगर ऐसी बात है, तो ठीक है। मैं उस बच्चे को तुम्हारी ज़िंदगी में रहने नहीं दूँगा!
जैसे ही उसने यह कहा, जानवी की आँखें डर से फैल गईं, और वह तुरंत घबराकर बोली,रोहन, नहीं! तुम ऐसा नहीं कर सकते। रोहन, तुम्हें पता है ना, वह तुम्हारा भी बच्चा है। उसे मैंने अकेले तो पैदा नहीं किया, ना। तो तुम अपने ही बच्चे के साथ ऐसा क्यों कर रहे हो?
इसके जवाब में रोहन जोर से किसी शैतान की तरह हँसते हुए बोला,
बेशक वह मेरा बच्चा है। लेकिन मेरे लिए सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट तुम हो। पर शायद तुम्हारे लिए वह बच्चा इंपॉर्टेंट है। और तुम्हें तो अच्छे से पता है कि तुम्हारी ज़िंदगी में मेरे अलावा आज तक जितने भी लोग इंपॉर्टेंट हुए, मैंने सबको या तो बर्बाद कर दिया या जिंदा जला दिया। तो फिर वह बच्चा क्या चीज़ है?
यह सुनते ही जानवी के पैरों तले ज़मीन खिसक गई, और वह बस शॉक्ड होकर उसे देखती रह गई।