My forcefully husband

Share

 

 

एक लड़की जो अपने बेड पर लेटी रात के करीब 4.30 बज रहे थे। वो बोहोत बेचैन सी लग रही थी उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वो अभी कोई बुरा सपना देखकर रही थी। उसने झट से अपनी आंखों खोली और खड़ी होकर बैठ गई। 

 

उसकी सांसे बोहोत तेज़ चल रही थी। उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसने अभी कोई बोहोत बुरा सपना देखा है।। उसकी आँखें इस वक़्त एक दम लाल थी। 

 

उसने पानी पीकर खुदको शांत किया। वो अपनी जगह से उठकर कहीं जाने लगी। कुछ देर बाद वो एक रूम के आगे आकर रूकी। उसने रूम खोला और अंदर चली गई। 

 

रूम के अंदर चारो तरफ़ एक ही इंसान की तस्वीरें लगी हुई थी। वो लड़की आगे बढ़ते हुए बोली, “”” वक्त आ गया है, तुमसे तुम्हारा सब कुछ छीनने का, कहा था ना वापस आऊंगी मैं, आज से और अभी से तुम्हारा बुरा वक्त शूरू हो गया है मिस्टर विक्रांत अग्निहोत्री।,, कहते हुए वहां पड़ा चाकू उठाया और उस आदमी की तस्वीर पर ज़ोर से मारा।,, 

 

सुबह के 9 बजे मुंबई शहर…… 

 

आज मुंबई शहर में बोहोत हलचल मची हुई। सब लोगो की जबान पर बस एक ही नाम था विक्रांत अग्रिहोत्री, 

 

विक्रांत अग्निहोत्री, अग्निहोत्री परिवार का बड़ा बेटा जो मुंबई का ही नही बल्कि इंडिया का नंबर वन बिजनेसमैन है। आज सब लोग उसकी इतनी बातें कर रहे है क्योंकि विक्रांत इंडिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट कंप्लीट करके 1 साल बाद अपने अपने घर आ रहा था।

 

शहर के बड़े बड़े लोग उसे बधाई देने लिए एयरपोर्ट पर खड़े थे। तभी विक्रांत अपने प्राइवेट जेट से बाहर निकला और सबको इग्नोर करते हुए सीधा जाकर अपनी गाड़ी में बैठ गया। सब विक्रांत के इस एरोगेंट बिहेवियर से वाकिफ थे इसलिए सब बिना कुछ रिएक्ट करे वहां से चलें गए। 

 

 

कुछ देर बाद बोहोत सारी गाड़ियां अग्निहोत्री मेंशन के सामने आकर रूकी। कुछ बॉडीगार्ड्स बाहर आए और उन्होंने जाकर एक ब्लैक मर्सडीज डोर खोला। उसके अंदर से विक्रांत अग्निहोत्री बाहर निकला। 

 

हाइट 6 फुट, जिम से गठा हुआ बदन, गेहूंआ रंग, शार्प जोलाइन, एक दम परफेक्ट फेशियल फीचर्स, उम्र 30 साल लेकिन अभी कुवारे है इसलिए इन्हे मुंबई का मोस्ट एलिजिबल बैचलर माना जाता है।,, 

 

विकराल लंबे लंबे कदम लेकर घर के अंदर अंदर गया । उसे पुरे घर में कोई नज़र नही आया उसने एक सर्वेंट से अपनी गुस्से भरी आवाज़ में पुछा, “””” दादी कहां है?,, 

 

उस सर्वेंट ने डरते हुए उपर की तरफ इशारा किया। विकराल बिना कुछ बोले उपर की तरफ चला गया। उसने एक रूम के बाहर कुछ लोग खड़े है। वो बिना कुछ बोले रूम के अंदर चला गया। 

 

विक्रांत के अंदर आते ही वहां खड़े हर इंसान को नज़रे उसी पर टिक। विकराल की मां वेदिका जल्दी से उसकी तरफ भागते हुए आई, “””” विक्रांत मेरा बच्चा आ गया….. कहते हुए वो उसके गले लगने के लिए आगे बढ़ी। 

 

लेकिन विक्रांत ने अपना हाथ दिखाकर उन्हे रोक दिया। वो सीधा बेड पर लेटी अपनी दादी के पास गया और उन्हें घूरते हुए बोला, “””” क्या हुआ है आपकों? 

 

विक्रांत के ऐसे घूरने से दादी थोड़ी सी डर गई, डर की वजह से उन्होंने अपने मुंह फेर लिया। तभी विक्रांत के पिता धनराज ने कहा, “””” दो दिन से मां की तबियत बोहोत खराब है, लेकिन ये ज़िद्द लेकर बैठी है जब तक तुम शादी के लिए हां नही कह देती तब तक ऐसे ही रहेगी।,, 

 

अपने पिता की बात का विक्रांत ने कोई जवाब नहीं दिया। वो सीधा जाकर बड़े से सोफे पर किसी राजा की तरह बैठ गया। और रूम में मौजूद सभी लोगों को अपनी ठंडी नजरों से घूरने लगा। विकराल ओरा देखकर सभी एक बार के लिए कांप उठे। 

 

विक्रांत के छोटे भाई कार्तिक ने धीरे से अपनी बहन नैन के कान में कहा, “”””” देख भाई हमें कैसे अपनी खूंखार नज़रों से घूर रहे है, मुझे तो समझ नहीं आता दादी को क्या इतनी पड़ी है इनकी शादी करने की, मेरी करवा दो मैं रेडी हूं, लेकिन नहीं दादी तो इस हिटलर को प्यार करती है।,, 

 

नैन ने इरिटेटिंग नज़रों से कार्तिक को गुरा जो डर की वजह से पूरा उसके अंदर घुस गया था। उसने गुस्से से उसके धक्का देकर ख़ुदको दूर किया। 

 

वहीं विक्रांत को चुपचाप देख दादी ज़ोर ज़ोर खांसने लगी। जिसे देख विक्रांत ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए ठंडी आवाज़ में कहा, “”””” आप लोगों को क्या लगता है आप मुझे इतनी आसानी से बेवकूफ़ बना लेंगे और में बन भी जाऊंगा।,, कहते हुए वो हल्की हसी हस्ते हुए सबको घूरने लगा। 

 

विक्रांत की बात सुनकर अपनी हवाइयां उड़ गई वहीं दादी की खांसी और तेज़ हो गई।,, सबको पता था उनका भांडा फुट चुका है।,, 

 

 

वेदिका ने दुःखी होते हुए विक्रांत से कहा, “””” बेटा जिद्द छोड़ दे, कर ले ना शादी मेरे भी बोहोत अरमान है मेरे बेटे की शादी देखने के, आख़िर में भी तो एक मां हुं।,, 

 

तभी कार्तिक ने भी फ्लो फ्लो में कहा, “””” भाई मान जाओ ना, वैसे भी अब आपकी उम्र हो गई है। 

 

सब हंसना चाहते थे लेकिन विक्रांत के डर से सब चुप थे। विकराल ने अपनी जलती हुई आंखों से कार्तिक को घुरा।  कार्तिक का जैसे खून ही सुख गया वो जल्दी से नैना के पीछे छुप गया।

 

नैना ने उसे ख़ुद से दूर किया और विक्रांत के पास जाते हुए कहा,  “””” भाई प्लीज़ मान जाइए, क्या आप मेरी इतनी सी विष पुरी नहीं करेंगे।,, कहते हुए नैना विकराल के पास जाकर सोफे पर बैठ गई। एक नैन ही थी जो विक्रांत को मना सकती थी क्योंकि विकराल उसे बोहोत प्यार करता था। 

 

विक्रांत ने नैना की छोटी से छोटी विष उसके कहने से पहले पुरी की थी। आज ये बात कहकर ने अपने भाई के हाथ बांध दिए थे उसने एक आह छोड़ते हुए कहा, “”” fine, में तैयार हुं शादी करने के लिए……  

 

to be continued……… ✍️✍️✍️✍️✍️✍️

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Leave a Comment

error: Content is protected !!