Incomplete without you , episode 2

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Episode 2 

Paris 

Anshika….

रोते रोते कब दिन से रात से उसका तो उसे ख्याल ही नही रहा था I आज खुद के अक्स को आईने मे देखते हुए ही अंशिका खुद से तुम जो भी हो बस एकबार मेरे सामने आओ उसदिन से शायद तुम्हारी जिदगी की शनि दशा शुरू होगी ….

इतना बडा धोका ये केहते हुए अंशिका ने गालो पर आई बुदे साफ की ओर खुद से ही बस आज नही तो कल  , कल नही तो  परसो वो भी नही तो  सालो बाद ही सही तुम्हे मेरे सामने आना होगा ! नही आये तो तुमको इतना  मजबूर करूगी की मेरा नाम भी AM नही  ! ओर फेस पर आई स्माईल के  ही आगे आये बालो को पिछे कर खुद की ही आखो मे देखने लगी जिनमे एक चमक नजर रही थी ! 

ये केहते हुए अंशिका के फेस पर एक अलग ही सनक नजर आ रही थी । 

रेडी होकर होटल रूम से आज पेहली बार बाहर निकल कर आई थी । पर आज उसने उन दो दिनो की तरह मेकअप और फैंसी ड्रेस नही एक सिपल सा टॉप और जीन्स ही पेहेनकर रखी थी । 

जो उसकी असलियत थी , अंशिका रूम से बाहर निकलते हुए हाथो मे पकडे उस डिवोरस पेपर को ही देख रही थी उसन एक गेहरी सास लि ओर वो पेपर अपने पोकॅट से पेन निकाल कर साइन कर सामने खडे चार लोगो मे से एक को दिया __ फिर अपने हाथो मे पकडे बॅग को घसीटते हुए निकलने लगी तभी उन चारो मे से एक इन्सान मिस आप जा कहा रही है ? 

दो से तीन बार आगे आगे चलने के बाद पूछने पर गुस्से को अपने अंदर दबाकर रखा हुआ था वो फूट ही पडा ओर अंशिका ने हाथो से बॅग पटक कर उन लोगो को देखते हुए ही जहन्नुम जा रही हू चलोगे नही ना तो अपना मुह बंद रखो __ 

पर फिर भी उनमेसे एक इन्सान बोल ही पडा पर सीईओ ने कहा है पैरो यहा से सेफ मुंबई पोहचा देना है ! 

अंशिका 

फिर दो मिनट चुप होकर जैसे कुछ सोच रही है फिर अपनी एक ऑबरो रेस कर हा चलूगी पर एक ही कंडीशन पर चारो लोग एक-दुसरे को देखकर फिर सामने अंशिका की ओर देखकर हा मे सर हिलाकर बोलिए जैसे वो जानते हो वो क्या पूछने वाली है ! 

अंशिका ….  

अपनी स्टाइल मे __ देखो भाई अब आपलोग के साथ मे यहा कितने दिन रही हू । 

तभी उसमे खडा एक शख्स नही हमारे साथ थोडी आप रही थी आप तो रूम के अंदर थी ओर हम यहा बाहर  __ जहा अंशिका सोच मे पड गई वही बाकी लोग मुंह खोले उस इन्सान को ही देख रहे थे I जिसने ये बात कही थी उनके फेस को देखकर तो यही लगता था वो मास्क पेहेनकर आये हो ! 

Anshika….कुछ सोचकर हा भाई ये तो सही है आपने पेहले क्यो नही कहा आपको भी जगह देते ना हम  हमारे रूम के अंदर वैसे भी हम अकेले ही थे जिसके लिए आये वो तो कुछ हुआ ही नही तो क्या आपको तो छत मिलती ना ? 

फिर चारो को देखकर आपलोग हमे दिदी कहो ये मॅम मिस मत केहना ये केहते हो तो अपने वाली फिलिंग नही आती _ चारो थोडे इमोशनल तो हो गये पर अगले ही अंशिका की दुसरी बाते  सुनकर  खडे चारो लोगो को बहोत हसी आ रही थी वो सोच रहे थे सच मे कितनी बददिमाग लडकी है , इसलिए ही तो सीईओ ने इसे शादी की ओर एक दिन भी साथ ना रेहकर उसे डिवोरस भी ले लिया इसमे शक ही नही कहा वो ओर ये ___

अंशिका की बिना सरपैर की बाते सुनकर उसे ये भी समझ नही आ रहा था वो अकेली थी ओर ये चार लोग कुछ होता तो ? पर उसे जैसे डर था ही नही वो बस अपनी बात continues करते हुए ही देखो भाई साहब मुझे बस आपके सर का नाम जानना है ओर कुछ नही 

अब तो डिवोरस भी हो गया है तो आप मुझे बता तो सकते हो ना वो कोन था कैसा था __ 

पर चारो के मुह जैसे सील गये थे । उनमे  से एक बडी ही चतुराई से वो दिदी हमे भी नही पता वो कोन है हम तो यही रेहते है।  

जब ऑर्डर आता है बस तब हम काम करते है ओर उनका नाम तो नही पता पर सबलोग  सीइओ ही केहते  है बाकी कुछ भी नही पता हमे __ 

अंशिका तो आपलोग ये बताओ हमे अंपायर कैसे इंडीया भेजन वाले हो __ आप नही आने वाले तो ….तभी चारो मे से एक इन्सान वो दिदी हम आपको एयरपोर्ट पर छोड देगे उसके बाद आपकी फ्लाइट बुक है आपको वहा लेकर जायेगे उसके बद प वहा जाते ही बाहर जाकर आपको एक कार दिखेगी जो आपके नाम का बोर्ड लेकर उसके पास उसका driver होगी वो आपको छोड देगी जहा भो जाना है। 

 अंशिका…..

उनकी बात सुनकर ये सब ठिक है पर जो पेपर हम आपको दिये है वो आप उस सीईओ को कैसे देगे  आप चाहते हो तो आप मुझेवो दे मे खुद देकर जाऊगी ….. I 

अंशिका चोर नजरो से उनका फेस देख रही थी पर वन लोग भी कोई आम लोग नही थे वो भी अंशिका की हु आरी शायद समझ गये थे ओर अपने फेस पर मिस्टीरियस स्माइल लेकर एक दुसरे को देखते फिर अंशिका को __ 

जैसे उनको पेहले से पता थे ये सब तो ये करने वाली है _ जानते भी क्यो नही कितनी सारी training के बाद उनको यहा तक लाया जाता है जिसमे बहोत सारी को मेहनत के बाद ही आज वो लोग यहा खडे थे । 

अब अंशिका इतनी हुशारी का कोई फायदा नही ये समझते ही चुपचाप फिर अंदर रूम मे चली जाती है क्यो की सामने खडे लोगो ने उसे समझा दिया था उसके फ्लाइट बुक तो एक दिन बाद की है I 

अंशिका…खुद से मुह बनाकर सच मे पती मिला है __ ओर अपने ही सर पर टपली मारकर मिला था जो अब नही रहा 

अंशिका के अंदर जाते हो बीच वाला जलदी से पलटकर यस सीईओ सर… हम कहा वो साइन कर…

मुंबई 

सिंघानिया ग्रूप 

25 floor 

दुसरी तरफ

एक रूड आवाज आई  सुना मेनै मे कोई… ओर कॉल डिस्कनेक्ट हो गई।  

वंश अपने ऑफिस केबिन मे बैठा लॅपटोप से नजरे हटाकर खुद से ही जितनी बेवकूफ शक्ल से लगती हो उतनी हो नही __ ओर फेस पर मिस्टीरियस स्माइल लेकर matter..close 

( क्या लगता है आपको सच मे इतनी आसानी से होगा ये मॅटर क्लोज)

दो दिन बाद 

मुंबई 

Airport 

अंशिका को करीब चार लोग पॅरिस से मुंबई लेकर आये थे । पर पुरा टाइम उनलोगो ने एक वर्ल्ड भी नही कहा था ना उनलोगो को अंशिका पेहचान पाई थी, 

पर पुरा फेस कवर था  पर वो लोग अलग अलग ड्रेसिंग मे उसके पीछे ही थे , वही अंशिका अपने ही धुन मे मन मे ढेरो सवाल जवाब लिए ही आगे बढती जा रही थी , 

जैसे उनलोगो ने कहा बिल्कुल उसी तरह ही एक लेडी कार के पास खडी थी जो अंशिका के नाम का बोर्ड लेकर जाते ही अंशिका ने जैसे मन मे कुछ ठान लिया था पर वो बस जाकर वही कार के पास खडी हो गई थी ।

उस लेडी ने पैसेंजर सीट का डोर खोलकर खुद बैठ गई दुसरी साइड ड्रायवर था वही अंशिका ये तो समझ गई ये सारे लोग उसे अच्छे से जानते है पर वो नही फिर खुद से सच मे वो इतनी पॉप्युलर है क्या ?

क्या लगता है आपको …

क्या होगा आगे …

सच मे यही पर खत्म होगी ये कहानी या यही से शुरू होगा प्यार का ये सफर ..? 

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