वेदांशी की माँ ने दूसरी शादी की थी जिनसे उन्हें ओज, रक्षा और तृषा हुए, ज़ब वेदांशी 17 साल की हुई तो उसके सोतेले पिता की डेथ हो गयी, उस समय वह स्कूल मे थी, और बहुत bright student होने की वजह से वह बच्चों को tuition देने लगी उसके बाद उसी स्कूल मे वह जॉब करने लगी और अपनी आगे की पढ़ाई वह private की, स्कूल उसकी दोस्त श्रेया के पापा का था तो उन्होंने वेदांशी की बहुत मदद की।
वेदांशी जहाँ स्कूल पहुंच गयी थी उसे टाइम ही नहीं मिला की वह श्रेया के गिफ्ट को खोल सके वह उसे staff room मे रख के क्लास लेने चली जाती है, वही श्रेया भी library चली जाती है क्युकी वह लाइब्रेरी इंचार्ज थी उस स्कूल मे,
वह दोनों अपने काम मे लग चुकी थी,
वही देहरादून से कई किलोमीटर दूर राजपूतो की धरती जो अपने आन बान के लिए जानी जाती है, मेवाड़. जो अब उदयपुर के नाम से जानी जाती है, उदयपुर के राजा शिवराज सूर्यवंशी की हवेली जिसमे उनके बेटे बहु, पोते पोतिया रहते है,
सूर्यवंशी हवेली, बड़े हुकूमसा शिवराज की मौत के बाद उनके जगह उस गद्दी पर अभी तक़ क़ोई नहीं बैठा, वजह हम आगे जाने गे,
गार्डन मे एक 28 साल का लड़का, जिसने अपने कमर से नीचे एक लाल धोती पहन रखी थी, उसे लगभग 10 लोगो ने घेर रखा था, उसकी नीली गहरी आँखे उन सब को ऐसे देख रही थी जैसे उनके शरीर से उनका दिल निकाल ले गी, कंधे तक़ आते बाल जिसे उस लड़के ने आधा पोनी बनाया हुआ था, उसकी muscular body, चौड़ा सीना, गोरा रंग, ऐसा लगता था की कामदेव ही धरती पर आ गए हो लेकिन उसके चेहरे के शक्त भाव सबके दिल की धड़कन रोकने के लिए काफी थे,
उस लड़के के हाथ मे तलवार थी, और उसे उन दस लोगो से लड़ना था, वही कुछ दुरी पर दो अधेड़ उम्र के आदमी बैठे हुए थे, उन दोनों की शक्ल काफी मिलती थी क़ोई भी ये बता सकता था की ये दोनों भाई है, ये है विक्रम सूर्यवंशी और अवधेश सूर्यवंशी
विक्रम सूर्यवंशी ने उन आदमियों को डांटते हुए बोला ” क्या देख रहे हो वार करो और उसे हराओ “
ये सुनते ही वह सब के सब उस लड़के पर वार कर देते है, उन सब लोगो के वार से उस लड़के के चेहरे के भाव नहीं बदले, वह उन सब का बड़ी खूबी से मुकाबला कर रहा था, 10 मिनट भी नहीं हुए की उसने उन सब को धुल चाटा दिया,
वह लड़का अपनी तलवार को सर से लगा के एक बॉक्स मे रखता है, और उन दोनों आदमियों के सामने आ के उनके पैर छूते हुए कहता है ” आप लोग तो जैसे मेरे दुश्मन हो जाते है “?
दोनों उसकी बात सुन के ज़ोर ज़ोर से हॅसने लगते है, विक्रम जी ने बोला ” अरे बरखुरदार अगर आप यहाँ नहीं जीते गे तो 6 महीने बाद जो प्रतियोगिता होने वाली है उसमे कैसे जीते गे, बाज़ी हार नहीं जाएंगे क्युकी अगले राजा तो आप को ही बनाना है “
विक्रम सूर्यवंशी की बात सुन उस लड़के ने बोला ” अभिमान सूर्यवंशी क़ोई बाज़ी नहीं हारता बड़े पापा चाहे जंग की हो या ishq की, वैसे भी हमें इस हुकूमसा की गद्दी से क़ोई मतलब नहीं हैं….
अवधेश उठ के अभिमान के कंधे पर हाथ रखते हुए कहते हैं ” हमें समझ नहीं आता की पूरा राजस्थान के रजवाड़े इस गद्दी के पीछे पड़े हैं और आप को इस गद्दी से क़ोई मतलब नहीं हैं “
आप किसे समझा रहे है जिसे आप दोनों ने पूरा का पूरा सूर्यवंशी Empire ही दे दिया है, और इन्होने उसे ही अपनी ज़िद बना के रखा हुआ हैं तीनो उस तरफ देखते है तो एक अधेड़ उम्र की औरत पूजा की थाली लिए खड़ी थी “
ये विक्रम जी की पत्नी ” नैना जी है ” उन्हें देख के अभिमान उनके पास जाता है और उन्हें अपने गले से लगाते हुए कहता है ” बड़ी माँ हमारा नाश्ता बना दीजिये ऑफिस के लिए निकलना है “
चल छोड़ हमें, अब तुम्हारी पत्नी आ गयी है कब तक़. अपनी बड़ी माँ के पल्लू से बंधा रहेगा जा अपनी बीबी से बोल ” वह मज़ाक करते हुए उसके बाज़ू पर मारते हुए कहती है “
अभिमान हलके से मुस्कारते हुए कहता है ” वो मेरे लिए एक सीढ़ी हैं जिसे मैंने अपने साथ रखा हैं इसलिए मै उसे उसकी औकात में रखूँ वही अच्छा हैं उसके लिए
इतना बोल वह वहाँ से चला जाता है हवेली की तरफ,
उसे जाते हुए देख के नैना जी ने बोला ” देवर जी आप पर ये बिल्कुल नहीं गया हैं आखिर ये गया किस पर हैं इतना ज्यादा नफरत इसके दिल में आया कहाँ से आ गया हैं? “
ये सुनते ही अवधेश और विक्रम जी एक दूसरे की देखने लगते हैं, उन्हें अच्छी तरह से पता था की उनका ये भोला भला बच्चा कैसे इतना बदल गया
Suryavanshi groups
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अभिमान अपनी चेयर पर बैठा हुआ था, उसके हाथ मे एक फ़ाइल थी जिसे वह बहुत गौर से पढ़ते हुए अपने सामने बैठे दो लड़को से कहता है ” आप को क्या लगता है छोटे राजा “?
शिवम जो अपने मोबाइल मे लड़कियों की फोटो देख रहा था उसने चिढ़ते हुए बोला ” छोटे राजा pls इस नाम से आप ना ही बुलाये तो बेहतर है वरना हम भी आप ना पसंद वाले नाम से बुलाये गे “
वही पास मे खड़े एक 27 साल के लड़के ने अपने सामने बैठे दोनों लड़को को फिर से लड़ते हुए देख के अपने मन मे बोला ” ये दोनों बचपन के दोस्त है तो नाम से बुला सकते है लेकिन नही ज़ब तक़ लड़े गे नहीं इनका नाश्ता कैसे हज़म जो गा!”
कुणाल आप ने कुछ बोला ” अभिमान ने पूछा “
नहीं तो सर मै तो ये बोल रहा था की ये जो ज़मीन है उसी के पास एक स्कूल है और उस स्कूल का मालिक वो स्कूल की ज़मीन देने से मना कर रहा है तो बताये क्या करें हम “
अब ये भी हमें बताना हो गा ” अभिमान ने चिढ़ते हुए बोला “
शिवम ने बोला ” करना क्या है उन्हें उस ज़मीन के दुगुनी रकम दो और उस स्कूल को कही और सिफ्ट कर दो सिंपल “
क्या अभिराज उस ज़मीन को पा लेगा? क्या हो गा ज़ब दो दुनिया में रहने वाले लोग एक दूसरे के सामने हो गे? जानने के लिए बने रहे story के साथ….
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