Billionaire’s sweet bride | Episode 1

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Episode 1- Intimacy and accident 

एक सुनसान सड़क पर एक जीप  तेजी से दौड़ रही थी। मौसम बहुत सुहावना था और ऐसा लग  रहा था कि जल्द ही झमाझम बारिश होने वाली है। उस कार के हैन्सम ड्राइवर ने रियरव्यू मिरर में अपने बाल संवारते हुए खुद से कहा, “तुम सच में बहुत हैंडसम हो, शांतनु।”

अपनी तारीफ करके शांतनु खुद ही हंसने लगा। इस बड़ी सी इनोवा को चलाने वाला था- शांतनु जैसवाल। 

शांतनु जैसवाल , उम्र 29 के आसपास, हाइट 6 फूट, गेरूआँ रंग और गहरी नीली आँखें। कादंबरी इंडस्ट्रीज़ का मालिक और CEO. लेकिन ऐसा रूप उसका बस खुद के लिए ही था वरना लोगों के साथ वो काफी बतमीज़ और खड़ूस था।

वो सोचने लगा,”अभी थोड़ी देर पहले कितना मज़ा आ रहा था।”

अभी कुछ देर पहले 

शांतनु जैसवाल ने अपनी कार एक होटल के सामने रोकी। ये बड़ा होटल ताज था। वो उसमें दाखिल हुआ और वो सीधा रीसेप्शन पर पहुँच गया। रीसेप्शनिस्ट ने उसे देखते ही उसके रूम का इन्सर्ट कार्ड दिया। शांतनु थैंक्स करके अपने रूम में पहुँच गया। उसने वाइन बॉटल खोली और अपने लिए एक पेग बनाया। कुछ देर में ही उसके कमरे का डोर नॉक हुआ। शांतनु ने दरवाजा खोला। उसके सामने एक खूबसूरत लड़की खड़ी थी। शांतनु ने उसे अपने करीब खींचा और उसकी आँखों में देखते हुए बोला,”बहुत इंतज़ार करवा दिया। अब तुम्हें भुगतना पड़ेगा।”

उस लड़की ने स्माइल देते हुए कहा,”इंतज़ार का फल भी तो बहुत मीठा होगा।”

शांतनु ने उस लड़की को अपने करीब खींचा और दरवाजा बंद करके उसे दीवार पर लगाते हुए कहा,”मिस रेशम! मैंने यहाँ इन्जॉय करने के लिए तुम्हें बुलाया है तो टाइम की कद्र तो करनी चाहिए।”

उसने रेशम की नेक पर तेज बाइट की। रेशम ने ब्लैक कलर की शॉर्ट ड्रेस पहनी हुई थी।  शांतनु उसकी बॉडी पर अपने हाथ घुमाने लगा। उसने अपने होंठ रेशम की गर्दन पर रखे और उसे किस करने लगा। इन्टेन्स किस से रेशम की सांसें बहुत गहरी हो गयीं। 

“आह! शांतनु जी, आराम से।”

शांतनु ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”अब आराम ही तो नहीं करना।” शांतनु रेशम की बॉडी को बेतहाशा किस करने लगा। रेशम की सिसकियाँ बढ़ रही थीं। शांतनु ने रेशम को अपने कंधे पर उठाया और बिस्तर पर पटक दिया। 

“ये क्या था,शांतनु जी?” रेशम ने पूछा। 

शांतनु ने अपनी नीली आँखों से उसे देखते हुए अपनी शर्ट के बटन्स खोलने शुरू कर दिए। रेशम हल्के से पीछे हुई तो शांतनु ने उसे इशारे से मना कर दिया। रेशम वहीं रुक गई। शांतनु ने अपनी शर्ट उतारकर फेंकी और रेशम के ऊपर आकर उसे किस करने लगा। उसके हाथ फ़्लो के साथ उसकी बॉडी पर चलने लगे। वो उसकी पीठ को किस करने लगा।  शांतनु रेशम के साथ बहुत ज्यादा वाइल्ड हो चुका था और रेशम की आहों से पूरा कमरा गूंज गया।

कुछ देर में ही शांतनु उसके साथ हर हद पार कर चुका था। काफी टाइम बाद वो साइड में हुआ और फिर खड़ा हो गया। उसने एक चेक रेशम के नाम बनाया और उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा,”ये तुम्हारी सर्विस फीस। आज के बाद हम दोनों एक-दूसरे को नहीं जानते।”

रेशम ने चेक पर नज़र डाली और एक लाख का अमाउन्ट देखकर उसकी आँखों में चमक आ गई। शांतनु ने अपने कपड़े पहने और वहाँ से निकल गया। 

 अभी का समय 

शांतनु ने आसमान की तरफ देखा और स्टेरीयो पर गाना तेज़  कर दिया। 

टिप टिप बरसा पानी 

पानी मे आग लगाई… 

“लगता है कि काफी तेज बारिश आएगी।” ये सोचकर शांतनु ने गाड़ी की स्पीड और भी तेज कर दी।  उसका सोचना सही था। कुछ ही देर में मूसलाधार बारिश होने लगी। उसने जल्दी से वाईपर्स ऑन किये ताकि उसे कुछ दिखाई दे। लेकिन अब विज़न काफी धुंधला हो चुका था। 

शांतनु ने खुद से कहा,”मुझे आज बिना ड्राइवर के आने के लिए किसने कहा था?” 

उसकी इनोवा की स्पीड इतनी तेज़  हो चुकी थी कि बारिश में अब वो अपना कंट्रोल लूज़ करने लगा। 

वो बड़बड़ाया,”ओह नो। ये क्या हो रहा है? मेरा तो कार पर कंट्रोल ही नहीं हो रहा।”

वो जीप पर कंट्रोल करने के लिए स्टिरिंग संभालने की नकाम कोशिश करने लगा। अचानक उसकी नज़र सामने से आते हुए एक ट्रक पर पड़ी जो उसी की कार की तरफ आ रहा था। उस ट्रक को देखकर शांतनु पैनिक हो गया। उसकी जीप अब उसके कंट्रोल से पूरी तरफ बाहर जा चुकी थी। अपनी कार को ट्रक से बचाने के चक्कर में उसने अपनी जीप का स्टिरिंग घुमाया और उसकी जीप मानो हवा में उछली और फिर नीचे गिरी। कार में से धुआँ निकलने लगा। शांतनु का सिर भन्ना गया और उसमे से खून निकलने लगा। वो बुरी तरह से घायल हो चुका था। शांतनु की आँखें बंद होने लगीं और उसके आगे अंधेरा छाने लगा था। उसके शरीर का शायद ही कोई ऐसा हिस्सा था जहां उसे चोट नहीं लगी थी। 

तभी उसके कानों में आवाज पड़ी,”प्लीज़, अपनी आँखें खुली रखिए।” 

शांतनु ने वो आवाज़ सुनकर अपनी आँखें खोलीं। उसके सामने एक बहुत खूबसूरत लड़की थी जो झुककर उसे बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी। शांतनु उसकी झील सी गहरी काली आँखें देख रहा था। भूरे, लहराते बाल और हवा में उड़ता दुपट्टा। 

उस लड़की ने अपनी प्यारी सी आवाज में कहा,”आप– आप प्लीज़ चिंता मत कीजिए। मैं आपको बाहर निकालती हूँ।”

शांतनु उसकी आवाज पर अपनी आँखें खोलने पर मजबूर हो गया। उसने धीमे से पूछा,”त..तुम कौन हो?”

“मैं माहिका।” उस लड़की ने कहा। 

शांतनु ने दोहराया,”माहिका?”

माहिका ने शांतनु का हाथ पकड़ा और उसे खींचकर उसकी टूटी जीप से बाहर निकाला। वो खुद भी खून से भर गई थी। शांतनु का पूरा चेहरा खून से सन चुका था जिस वजह से माहिका को उसका चेहरा ठीक से विज़बल नहीं था।  

“मैं आपको अस्पताल लेकर जाऊँगी। आपको कुछ नहीं होगा।”

माहिका ने एक कार रोकी और उसमे शांतनु को डालकर उसे अस्पताल पहुंचा दिया।

नर्स उसकी तरफ देखकर हैरानी से बोली,”शांतनु जैसवाल? डॉक्टर्स जल्दी आइए। It’s an emergency.”

शांतनु अब तक बेहोश हो चुका था। उसे ईमर्जन्सी में ऐड्मिट किया गया और माहिका की वजह से उसकी जान बच गई। नर्स जब बाहर आई तो उसने इधर- उधर देखा,”वो लड़की कहाँ गई जो शांतनु जी को लेकर आई थी?”

लेकिन माहिका वहाँ से जा चुकी थी। कुछ देर में ही शांतनु के दादा जी- रमन  जैसवाल अस्पताल पहुँच गए। 

“मेरा पोता -शांतनु?”

डॉक्टर ने कहा,”सर! वो अब खतरे से बाहर है। कल सुबह तक शांतनु जी को होश आ जाएगा।”

रमन जी ने पूछा,”शांतनु को यहाँ कौन लाया? क्या मैं उनसे मिल सकता हूँ?”

डॉक्टर ने कहा,”शांतनु को एक लड़की यहाँ लाई थी। लेकिन अचानक वो न जाने कहाँ चली गई।”

“उसका कोई नाम -पता?”

डॉक्टर ने न में अपना सिर हिलाते हुए कहा,”नहीं। उसने अपने बारे में कुछ भी नहीं बताया और न कोई एंट्री की।” इस बात पर रमन जी उदास हो गए और शीशे मे से अपने पोते, शांतनु को देखने लगे। उनकी आँखों में आँसू आ गए। 

शांतनु को अगली शाम को होश आया। इस टाइम वो काफी पेन में था। उसने रमन जी को ठंडी नज़रों से देखा और पूछा, “दादा जी?”

रमन जी नाराज़ होते हुए बोला,”तू भी मुझे अकेला छोड़कर जाना चाहता है। अब इस बुढ़ापे में यही देखना बाकी रह गया था।”

शांतनु हल्के से मुस्कुराया,”दादाजी! मेरे बूढ़ा होने तक मैं आपके साथ रहने वाला हूँ।”

रमन जी नाराज़गी में अपना सिर हिलाते हुए बोले,”हाँ! जैसे तेरे बूढ़ा होने तक मैं जीने वाला हूँ।”

“और नहीं तो क्या।”

इतने में नर्स आई और उसने ड्रिप में नींद की दवाई इन्जेक्ट करते हुए बोली,”अब इन्हें आराम करने दीजिए।” धीरे-धीरे शांतनु की आँखों में नींद छाने लगी। रमन जी सोते हुए शांतनु की तरफ देख रहे थे। उन्होंने उसके सिर पर हाथ फेरा और माथे पर किस करके वहीं सामने बैठ गए। 

रमन जैसवाल  जो अब 75 साल के आसपास के हो चुके थे। इन्होंने ही कादंबरी इंडस्ट्रीज़ को बनाया और ऊंचे मकाम तक पहुंचाया था। वो वहीं बैठे हुए बहुत देर तक शांतनु को देखते रहे।  

तीन महीने के बाद 

कादंबरी इंडस्ट्रीज़ 

एक शानदार शीशे की बिल्डिंग के सामने एक बड़ी सी जीप आकर रुकी और उसमे से शांतनु बाहर आया। तीन महीने के बाद आज शांतनु पूरी तरह ठीक हो चुका था। रीसेप्शनिस्ट ने आगे बढ़कर उसके हाथ में bouquet पकड़ाते हुए कहा,”वेलकम बैक, सर।”

शांतनु ने बिना किसी स्माइल के उसे थैंक्स कहा और आगे बढ़ गया। दुनिया में अगर शांतनु किसी के आगे मुसकुराता था तो वो थे उसके दादाजी। बाकी पूरी दुनिया के सामने वो एक रूड और सख्त इंसान था। उसने लिफ्ट ली और तेजी से अपने कैबिन की तरफ बढ़ गया। उसने कैबिन में पहुँचते ही अपना कोट उतारा, कुर्सी पर रखा और इंटरकॉम से अपने असिस्टन्ट को बुलाया।

किसी ने उसका डोर नॉक किया तो शांतनु ने अपनी सख्त आवाज में कहा,”कम इन।”

उसके सामने कुछ ही पलों में एक हैन्सम आदमी खड़ा था जो उसका असिस्टन्ट और सेक्रेटरी था। शांतनु ने गहरी नज़रों से उसकी तरफ देखते हुए कहा,”सुनील! मुझे पिछले तीन महीने के काम की सारी डिटेल्स चाहिए।”

सुनील शर्मा, उम्र 27 के आसपास और दिखने में भी हैन्सम। वो पिछले तीन साल से शांतनु के साथ काम कर रहा था। 

“आप अब कैसे हैं, सर?”

शांतनु ने कोल्ड वॉयस से जवाब दिया,”अब मैं ठीक हूँ। काफी भयानक एक्सीडेंट था।”

“जी सर।”

शांतनु अगले ही पल बोला,”अब काम की बात करें? I want each and every minute detail of last three months.”

सुनील ने गला साफ करते हुए कहा,”जी सर।”

सुनील वहाँ से चला गया। शांतनु ने अपनी आँखें बंद कीं और उसके सामने तीन महीने पहले का मंज़र आ गया। एक्सीडेंट मे वो शायद मर गया होता अगर वो लड़की उसे न बचाती। 

शांतनु के मुंह पर उस लड़की का नाम आ गया,”माहिका।”

क्या कभी शांतनु और माहिका आमने सामने एक बार फिर से आएंगे?

To be continued.

ॐ नमः शिवाय 🙏

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