तृषा को भी फीलिंग आ रही थी वो भी इस moment को
एंजॉय कर रही थी….. कहा बाहर जोरों की दिसंबर की पहली बारिश हो रही है और अंदर दो बदन एक दूसरे से मिल रहे है……
तृषा को किसी मर्द ने छुआ नहीं था
इसलिए तृषा को भी अपने बदन पे एकांश का यह एहसास अच्छा लग रहा था….
तृषा इस वक्त नशे में थी आज पहली बार उसने इतनी पी थी और कहीं ना कहीं उस शक्स में घुसा भी था जो तृषा को एकांश की तरफ जाने में मजबूर कर रहा था ..
वो ये कर के दिखाना चाहती थी कि वो खुद की मर्जी की मालिक है और कोई दीवाना स्टॉकर उसे कंट्रोल नहीं कर सकता..
एकांश एक सीधा साधा लड़का था और नेचर का बहुत अच्छा और लड़कियों की रिस्पेक्ट करने वाला लड़का था… उसकी यही बात तृषा को अच्छी लगी…..
दोनों एक दूसरे के साथ गले लग कर में सो गए…..
सुबह जब तृषा की आंख खुली तो उसने जल्दी से चाय और नाश्ता बना कर एकांश को जगाया…. पर एकांश तो कल रात के सपनो में खोया हुआ चेहरे पे प्यरी सी मुस्कान लिए गहरी नींद में सो रहा था….
तृषा के बहुत कोशिश करने के बाद भी जब ने नहीं उठा तो उसने एकांश एक एक उंगली पकड़ के गरम – गरम चाय के कप के अंदर डाल दी जिसकी जलन से एकांश उछल के बैठ गया……
यह दिखे तृषा को जोरों से हसी आ गई….
एकांश : ऐसे कोई किसी को उठाता है क्या भला….
तृषा : तुम्हे पता भी है में कितनी देर से तुम्हे आवाज़ दे रही हु तुम हो की उठने का नाम ही नही ले रहे थे तो मेरे पास और कोई चारा नहीं था…. ज़रा घड़ी देखो… हम बहुत late है….
और तुम्हे तो अभी अपने घर भी जाना है क्युकी मेरे पास तो तुम्हारे कपड़े नहीं है…..
एकांश : ohhh shittt….!!!! तुम मुझे पहले नहीं उठा सकती थी…. में कॉलेज के लिए अब बहुत लेट हो जाऊंगा……
तृषा उसे गुर कर देखती है…..
तृषा : यह लो तुम्हारा ब्रेकफास्ट ….. जल्दी से खा लो तब तक में कॉलेज के लिए रेडी हो जाती हु…
एकांश : में एक काम करता हु रवि से एक ड्रेस मंगवा लेता हु वहा कॉलेज में ही बदल लूंगा……
इतना कह के एकांश रवि को फोन करके एक ड्रेस लाने को कह देता है और तृषा में रेडी होने के लिए बाथरूम में चली जाती है……
दोनों नाश्ता करके और तैयार होके कॉलेज के लिए निकल जाते है…. कॉलेज पहुंच कर एकांश रवि की लाई हुई ड्रेस पहन लेता है और दोनो अपना काम करने लगते है।
पर आज का दिन दोनो के लिए ही अलग था…
नॉर्मल जैसा नहीं था…..
दोनों को नज़रे पूरे दिन एक दूसरे पे ही टिकी रही… लंच ब्रेक में भी दोनों ने साथ में ही खाना खाया…. कॉलेज के बाकी सारे स्टूडेन्ट भी उन्हें देखने लगे क्युकी उनको पता था कि एकांश तृषा को पसंद करता है…..।
धीरे – धीरे एकांश के प्यार का सिलसिला चलने लगा…. दोनों एक दूसरे को डेट करने लगे……
एक दिन सबको कॉलेज ट्रिप पे मुंबई बाहर लोनावला लेके जा रहे थे…. तो सारे स्टूडेन्ट ने प्लान बनाया की ट्रिप के बाद भी आगे जाके रात बिताएंगे और पिकनिक बनाएंगे….. सब पिकनिक की प्लानिंग करने लगे और बहुत एक्साइटेड थे……
एकांश और तृषा भी काफी खुश थे…..
पिछले एक हफ़्ते से उस शक्स ने भी ना तो तृषा का पीछा किया था और ना ही कुछ निशान छोड़े..
तृषा को मन ही मन ये लग रहा था शायद एकांश के साथ आने के बाद उसने अपनी ज़िद छोड़ दी हो
ट्रिप वाले दिन सब स्टूडेन्ट वाले कॉलेज की बुक की हुई बस में बैठ के साइट पे गए… सब वाली पिकनिक के लिए एक्साइटेड
थे…. जब ट्रेनिंग खत्म हुई तो सब लोग वहा से पास में ही एक रिसॉर्ट में चले गए…..
सबने एक कॉमन बड़ा सा हाल ले लिया था जिससे की सब साथ मे ही रह सके और मज़े कर सके…… पर एकांश तो मन में चाहता था की वो तृषा के साथ अकेले एक अलग रूम में रहे…
पर वो सबके सामने तृषा को एंबेरिस भी नहीं करना चाहता था….
सबने रिसॉर्ट में खाना खाने के बाद रात को रिसॉर्ट के गार्डन में आग जला दो और सब उसके आस पास बैठ गए….तृषा ने ब्लैक स्वेटशर्ट उसके नीचे ब्लू जींस ब्लैक बूट्ज़ ब्राउन शोल ओढी थी तृषा हमेशा की तरह आज भी हसीन लग रही थी और दिसंबर की ये ठंडी शाम लोनावला की हसीन वादियां और सफेद कोहरा उसकी खूबसूरती में चार चांद लगे रहे थे
सबने खूब डांस किए और गाने गाए…. जिसका जो भी टैलेंट था वो सबको बता रहा था…..
तृषा ने भी गाना गया…. तृषा को गाना गाने का बहुत शौक है…..
तृषा को बस एक टक देख रहा था…. सबको तृषा का गाना और उसकी आवाज़ बहुत पसंद आ रही थी….
सब बिलकुल खामोशी से और मगन होके उसका गाना सुन रहे थे क्युकी तृषा की आवाज बहुत सुरीली थी……
सबने तालिया बजा कर तारीफ करी…. यूंही करते करते रात के 1 बज गई…..
रात के 1 बज चुके थे…. सब नाच गाने में मगन थे मगर रात के इस अंधेरे में कोई तृषा पे दूर से नजर टिकाए हुए था… जिसका तृषा को बिलकुल भी पता नहीं था….।
सब वापस हाल में चले गए जो उन्होंने बुक किया था….. पर रिसॉर्ट का वेटर आके तृषा को बोलता है की
वेटर- मैडम आपके लिए एक स्पेशल रूम है…. आप मेरे साथ उसमे चलिए
तृषा – पर हम सबने तो हाल बुक किया हुआ है ना….
वेटर – जी मैडम, पर सिर्फ आपके लिए ही वो रूम बुक्ड है….
तृषा – नहीं मैं कही नहीं जाऊंगी…. मैं यही सबके साथ में रहूंगी…..
वेटर – पर मैडम वो रूम आपके लिए बुक हो चुका है…..
तृषा ने अपने सीनियर्स से बात करी की क्या उन्होंने यह रूम बुक किया है… पर सबने मना कर दिया…. तृषा को कुछ समझ नहीं आ रहा था क्युकी उसको पता था की यह रूम एकांश ने बुक नहीं किया है…….
तृषा – नहीं मैं नहीं आ रही हु ….
वेटर – पर मैडम रूम already booked हैं।
तृषा – होगा पर मैं नहीं आ रही हु …..
यह सब कुछ दूर से कोई देख रहा था जिसका तृषा को बिलकुल भी अंदाजा नहीं था….।
सब लोग तृषा को घूरने लग गए…. तृषा को थोड़ा सा अजीब लगने लगा पर उसने इग्नोर कर दिया…..।
सब ने अपने कपड़े बदल के नाइट ड्रेस पहनी और हाल में गप्पे मारने लगे…..
सब लोग आपस में कॉलेज टिचर्स की सारी पोल खोल रहे थे और किस्से सुना रहे थे…. इसी बीच किसी ने एकांश और तृषा के रिलेशनशिप की भी बात कर ली…. तब सबको पता चल गया की तृषा और एकांश रिलेशन में है…..।
तृषा को इस वक्त बहुत शर्म आ रही थी…. उसने शर्म के मारे अपना सिर नीचे झुका दिया…. सब एकांश को छेड़ने लग गए…
वो भी सबके मज़े लेने लग गया….
सब खूब एंजॉय कर रहे थे…..
जयंत – हर महीने एक ऐसी trip होनी चाइए यार…. कितना अच्छा लगता है….।
ईशा – हां सही कह रहे हो… महीने में एक आउटिंग तो होनी चाइए…. ताकि मूड फ्रेश हो सके…..
एकांश – अगर कॉलेज वाले trip प्लान ना करे तो अपन लोग आपस में मिल के कर लेते है….।
दीया – हां ताकि तुम्हे तृषा के साथ टाइम स्पेंड करने मिल सके हेना…..
घडी की घंटी ने 3 बार बाजी तो सबको एहसास हुआ कि रात के 3 बज चुके है पर अभी भी सबका मन नहीं भरा था…. सबने 3 बजे के हिसाब से ghost story सुनाना शुरू कर दिया….
सब आपस में बाते करने के मगन थे पर कोई था जो दूर से सब पे नज़र रखे हुए था और बाते सुन रहा था…….
अब घड़ी में 4.30 बज चुके थे और सबको नींद आने लगी थी…..
तृषा : (एकांश से) मुझे बाथरूम जाना है तुम चलो न मेरे साथ……
एकांश : क्यूं तुम्हे डर लग रहा है???
तृषा : हां
एकांश: ठीक है मैं चलूंगा तुम्हारे साथ पर बदले में मुझे क्या मिलेगा????
तृषा : क्या चाइए तुम्हे???
एकांश : एक kiss
तृषा : तुम मुझे इस ब्लैकमेल करोगे…..
एकांश : तुम्हारे साथ मिलने वाला कोई भी चांस कैसे छोड़ सकता हु में ….।
तृषा : चलो मेरे साथ प्लीज़……
एकांश : ठीक में चलो……
दोनों बाथरूम तक गए…. तृषा अंदर गई और एकांश बाहर उसका wait कर रहा था….. जब वो वापस आई तो एकांश ने उस से अपने हिस्से की kiss मांगी……
तृषा ने एकांश के गाल पे फट से एक kiss कर दी……
एकांश : नहीं मेरी जान बस इतने से काम नहीं चलेगा….।
तृषा : किसी ने हमे यह देख लिया तो….
एकांश : अरे कोई नहीं देखेगा और वैसे भी अब तो सबको अपने प्यार के बारे में पता है….।
(यह बोलते हुए एकांश ने अपने होंठ तृषा के होंठो के पास ला के एक lip kiss कर दी…. तृषा ने भी उसका साथ दिया और उसको 2 min. तक kiss करी….)
दूर से कोई यह सब देख रहा था और उसे यह सब देख के
बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था….. गुस्से से उसकी आंखे लाल
हो गई थी…. और उसने अपनी मुट्ठी बांध ली थी…….
तृषा और एकांश अभी भी kiss कर रहे थे और उस शक्स को यह देख के बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था उसकी आंखो में खून उतर आया था…. ।
उसने अपने एक आदमी को ऑडर दिया….. जाओ और अभी उस लड़के को पकड़ के इतना मारो की वो तृषा के पास में भटकने की सोचे भी ना….!
मन तो कर रहा है इसे अभी जान से मार दूं….. पर अगर मैं ऐसा करूंगा तो तृषा मुझसे डर जाएगी… फिर वो मेरे पास कभी नहीं आएगी….।
उस शक्स ने अपने आदमी को जाने का इशारा किया….. इशारा मिलते है वो आदमी एकांश की तरफ आगे बढ़ गया…।
जैसे ही वो एकांश के करीब पहुंचा तो उसके पैरों को आहट तृषा और एकांश को सुनाई देने लगी…..
तृषा और एकांश पैरो की आवाज़ सुनके पीछे अंधेरे में छुप गए…
इतने में अचानक से दोनों को पीछे से किसी ने पकड़ लिया….
दोनों एकदम से चमक गए और तृषा तो बिलकुल घबरा गई…।
दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर धीरे- धीरे पीछे की तरफ मुड़े…..
जैसे ही दोनों पीछे मुड़े…. पीछे से जोरों से हसने की आवाज आई…
पीछे दीया और ईशा खड़े थे…. ।
दोनों की सास में सास आई…. और दोनों भी फिर एक दूसरे की हालत देख के हस पड़े…।
जैसे ही उस शख्स का आदमी पास में आया तो उसने दीया और ईशा को आते देख लिया इसलिए उसको वही रुकना पड़ा…
जिससे की कोई उसे ना देखे….!
दीया : यहां अकेले – अकेले छुप छुप कर क्या कर रहे हो love birds हम्मम….।
(ईशा और दीया दोनों एकांश और तृषा को छेड़ने लग गए जिससे की तृषा शर्माने (blush ) करने लग गई… ।)
सब वापस सोने चले गए… पर एकांश मन में सोच रहा था काश थोड़ा और टाइम मिल जाता तृषा के साथ क्युकी वो नही जानता था की दीया और ईशा ने आ कर तो उसकी जान बचाई है नहीं तो उसकी बुरी तरह हालत हो जाती…
सुबह सब फ्रेश होके और नाश्ता करके वापस अपने घर के लिए रवाना हुए…. आज उनको कोलेज की तरफ से छुट्टी मिली थी क्युकी सब tour से आके थके ही होंगे…. ।
तृषा भी अपने घर गई पर कोई उसका पीछा कर रहा था जिसके बारे में तृषा को कुछ भी पता नहीं था….
उधर एकांश का मन कर रहा था की वो भी तृषा के साथ चला जाए पर उसके घर वाले उसका इंतजार कर रहे थे क्युकी वो अपने घरवालो के साथ रहता था…..।
दूसरे दिन कॉलेज में एकांश ने तृषा से शाम को डेट पे चलने के लिए पूछा……
तृषा पहले तो थोड़ा सा सोच में पड़ गई क्युकी उसको बहुत टाइम हो गया है
अभी तक वो उस दीवाने स्टॉकर की वजह से ज्यादा किसी के साथ बाहर नहीं जाती और डेट पे तो किसी के साथ नहीं गई……
उसको थोड़ा सा संकोच हो रहा था जिसको एकांश ने उसके चेहरे पे पढ़ लिया था….
एकांश : अरे तुम गबराओ मत…. अच्छा चलो डेट मत समझो यू समझो की हम कही बाहर खाने चल रहे है…..।
तृषा : हां ठीक है……
तो बताओ तुम्हे क्या खाना पसंद है… उस हिसाब से में जगह decide करूंगा…
तृषा : मुझे तो कुछ भी चलेगा बस वेज होना चाइए…
एकांश : ठीक है तो आज शाम को हम बाहर जा रहे है…।
तृषा : ok
शाम को दोनों डेट के लिए तैयार हुए……
आज तृषा ने रोज की तरह जीन्स टोप नहीं पहना था बल्कि ब्लू शॉर्ट रिवलिंग ड्रेस पेहन कर आई थी…..
जिसने उसका फिगर बहुत ही शानदार दिख रहा था……
कसी हुई छाती…. पतला पेट और shape में टांगे……
एक परफेक्ट फिगर…
जिसे देख के कोई भी दीवाना हो जाए…..
जैसे ही एकांश ने तृषा को देखा तो वो उसको देखता ही रह गया…. कहा कमाल की लग रही थी आज तृषा….. उसने कभी भी तृषा को ऐसा नहीं देखा था….।
दोनों एक रेस्टोरेंट में गए…..
और कोई चुपके से यह सब देख रहा था और हर पल-पल की खबर उस शख्स को पहुंचा रहा था जिसने उसको नज़र रखने का ऑर्डर दिया था……!
खाना खाने के बाद एकांश तृषा को घर drop करने जाता है…।
तृषा एकांश को घर के अंदर बुलाती है…..क्यूंकि दिया आज देर से आने वाली थी
एकांश तो कबसे इसी पल का इंतजार कर रहा था…. वो खुशी खुशी अंदर चला जाता है….।
एकांश : मैने तुमसे कहा नहीं पर आज तुम बहुत ही खूबसूरत लग रही हो…. तुम पर यह ड्रेस बहुत सूट कर रही है…. अब से हम जब भी बाहर कही जाएंगे तो तुम ड्रेस ही पहनना …..
एकांश : तृषा
तृषा : (थोड़ा शरमाते हुए) थैंक यू…।
(यह यह कहते हुए एकांश तृषा के पास आता है….. बहुत
पास)
तृषा थोड़ा सा घबरा जाती है और इसकी सांसे तेज होने लगती है…. वो अपनी आंखे बंद कर लेती है……
एकांश तृषा को lip kiss करता है…….
फिर धीरे – धीरे एकांश अपना हाथ तृषा के पीठ (back) पे चलाने लगता है….
और उसकी कमर कस के पकड़ देता है…. फिर kiss करते हुए वो धीरे- धीरे उसकी नेक पे किस करने लगता है…. तृषा की सांसे चढ़ने लग जाती है….
एकांश अपना हाथ तृषा के एक बुब्ज़ पे रखता है और उसको दबाने लगता है……
तृषा भी उसका साथ देती है और आंखे बंद करके इस पल को महसूस कर रही होती है……
जैसे ही एकांश तृषा को वापस kiss करने के लिए अपने होंठ आगे बढ़ता है एकांश के फोन पे एक unknown number से कॉल आता है……
एक बार तो एकांश उसे देख के इग्नोर कर देता है पर जब दुबारा कॉल आता है तो वो उठा लेता है…..
..क्युकी इतना लेट किसी unknown number से फोन आना कोई नॉर्मल बात नहीं है ….. ।
एकांश – हेलो..
सामने वाला व्यक्ति : क्या आप एकांश बात कर रहे है..???
एकांश : जी… आप कोन???
सामने वाला व्यक्ति : आप जल्दी से अपने घर आ जाइए यहां एक इमरजेंसी हो गई है….. आपकी मम्मी के फोन से मेने आपके number लिए है…।
एकांश : (यह बात सुनके एकांश एक दम घबरा गया और उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था) ठीक है में आता हु…।
एकांश जल्दी से अपने घर के लिए रवाना हुआ….।
तृषा को कुछ समझ नहीं आ रहा था आखिर अचानक से क्या हुआ…..
जैसे ही एकांश अपनी गाड़ी स्पीड में भागा के आपके घर पहुंचा तो सब कुछ नॉर्मल देख के उसका दिमाग घुम गया……
वो दौड़ा – दौड़ा घर के अंदर गया तो अंदर भी सब कुछ ठीक था …. उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की अभी – अभी उसके पास किसका फोन आया……
एकांश ने सोचा किसी ने उसके साथ एक गंदा मजाक किया है… लेकिन ऐसा मजाक उसके साथ कोन कर सकता है…???
इधर पीछे से तृषा के घर की door bell बजती है.
घड़ी रात की करीब 10 बजे का इशारा कर रही थी…..
तृषा सोच रही थी इतनी रात को कोन आ सकता है…. पर अभी तो वो एकांश को भी फोन नहीं कर सकती क्युकी पता नहीं वहा क्या इस्तिथि हो रही होगी ….
इतने में बाहर से एक लड़की की आवाज़ आती है……
जिसको सुनके तृषा को थोड़ी सी तसल्ली होती है की बाहर शायद दिया खड़ी है….. वो धीरे – धीरे आगे बढ़ के जैसे ही मैन गेट खोलती है सामने खड़ी लड़की उसके उपर बेहोशी का स्प्रे कर देती है…..
तृषा वही बेहोश हो जाती है……..
कौन थी ये लड़की और किसने भेजा था इससे, अब क्या होने वाला था तृषा के साथ….