Chapter 1
मुंबई, सपनों का शहर कहे जाने वाला मुंबई जहां रोजाना हजारों लोग अपने सपने पूरे करने के लिए आते हैं लेकिन उनमें से सिर्फ कुछ ही उन्हें पूरा कर पाते हैं इतना भी आसान नहीं है इस सपनों की नगरी में अपने सपनों को हकीकत करना ।
रात का वक्त, मुंबई का सबसे बड़ा होटल
होटल में एक शानदार पार्टी चल रही थी मुंबई के जाने-माने चेहरे वहां मौजूद थे कोई बड़ा डायरेक्टर था कोई प्रोड्यूसर कोई एक्टर और कोई सिंगर ।
उसी हाॅल में एक तरफ लगे बाहर काउंटर पर एक लड़का बैठा हुआ था ब्लैक कलर की पेंट डार्क रेड शेड की शर्ट और उसके ऊपर ब्लैक जैकेट पहनी हुई थी उसके एक कान में एक छोटा सा डायमंड का इयररिंग था ।
उसके एक हाथ में कुछ ब्रेसलेट थे और दूसरे में एक महंगी और प्रीमियम वॉच वह वहां सबसे दूर अकेला बैठा हुआ शराब पी रहा था जब किसी ने उसके पीछे आकर खड़े होते हुए उसके कंधे पर हाथ रख “MV”
काउंटर पर बैठा हुआ वह लड़का पीछे पलटा तो उसके सामने एक उम्र दराज शख्स खड़े हुए थे उन्हें देख कर MV यानी की मलंग वर्धन ने कहा “ओ हेलो मल्होत्रा साहब”
“हम्म यहां बैठ कर क्या कर रहे हो ? चलो मुझे तुम्हें किसी से मिलवाना है बहुत बड़े म्यूजिक प्रोड्यूसर है वह, उनसे मुलाकात कर लो वह एक बहुत बड़ी एल्बम बनाने के बारे में सोच रहे हैं, जिसके लिए वह सिंगर की तलाश में है” मल्होत्रा साहब ने मलंग को समझाते हुए कहा ।
मलंग ने उनकी बात पर अपनी नज़रें घुमा ली “कम ऑन मल्होत्रा साहब पार्टी में आए हैं हम लोग कम से कम यहां तो काम की बातें मत कीजिए, मुझे इंजॉय करना है” बोल कर उसने शराब का गिलास एक बार फिर होठों से लगा लिया ।
मल्होत्रा साहब को उसकी हरकत पर गुस्सा आया और वह उसे घूरते हुए बोले “तुम्हारे इसी एंजॉयमेंट के चक्कर में आज तुम्हारी इमेज डाउन हो चुकी है, तुम समझते क्यों नहीं हो मलंग अपने हाथों से अपनी जिंदगी खराब कर रहे हो तुम” मल्होत्रा साहब उसे डांट ही रहे थे तभी एक और लड़का वहां पर पहुंच गया जिसने ब्लू कलर का सूट पहना हुआ था ।
मल्होत्रा साहब ने उसकी तरफ देखा और बोले “अच्छा होगा कि तुम इसे जल्द ही संभाल लो वत्सल, वरना वह दिन दूर नहीं जब लोग यह तक भूल जाएंगे की कोई MV भी था” इतना बोल उन्होंने एक बार फिर मलंग को घुरा जिसे देख कर बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि उसे पर थोड़ा सा भी असर हुआ है मल्होत्रा साहब की बातों का ।
मल्होत्रा सब वहां से चले गए उनके जाने के बाद वत्सल ने आकर मलंग के हाथ से शराब गिलास खेलते हुए कहा “व्हाट आर यू डूइंग, मैंने तुमसे कहा था कि यहां पर हम म्यूजिक प्रोड्यूसर से बात करने के लिए आ रहे हैं, लेकिन तुमने यहां आते ही शराब पीना शुरू कर दिया ?”
“कम ऑन यार इतना ज्यादा हाईपर होने की जरूरत नहीं है, और अभी मेरा किसी से मिलने का मन नहीं है सो प्लीज लीव मी अलोन” इतना बोल उसने बार टेंडर से एक और ड्रिंक देने के लिए कहा ।
वत्सल ने अफसोस में सिर हिलाया और शराब के गिलास को वही पटक कर वह चला गया जिस पर मलंग का बिल्कुल भी असर नहीं हुआ और वह आराम से बैठा अपनी ड्रिंक करता रहा ।
मलंग वर्धन म्यूजिक की दुनिया में MV के नाम से मशहूर और म्यूजिक का बादशाह कहां जाने वाला, जिसकी आवाज लाखों लोगों के दिलों की धड़कन है लेकिन कहते हैं ना पैसा इंसान को अंधा कर देता है कुछ ऐसा ही है हो रहा था अभी मलंग के साथ ।
शराब और पैसा दोनों ने मिल कर उसे जैसे अंधा कर दिया था और अब यही चीज उसे बर्बाद कर रहे थे और ऊपर से उसका घमंड जो उसे कुछ भी देखने नहीं दे रहा था ।
मलंग वहीं पर बैठा हुआ शराब पीता रहा और फिर वह उठ कर खड़ा हुआ वह इस वक्त इतने ज्यादा नशे में था कि उसके कदम लडखडा रहे थे वह ऐसे ही लड़खड़ाते हुए कदमों से पार्टी हॉल से बाहर निकल गया उसके हाथ में अभी भी शराब की बोतल थी ।
होटल से बाहर आकर वह पार्किंग में पहुंचा और वहां जाकर अपनी लग्जरियस गाड़ी में बैठ गया उसने गाड़ी स्टार्ट की और निकल गया ड्राइव करते हुए वह बीच-बीच में शराब की बोतल से घुट भी भर रहा था ।
उसकी आंखें बार-बार बंद हो रही थी की तभी अचानक से उसकी गाड़ी के सामने एक बाइक आ गई मलंग की आंखें बड़ी हो गई और उसने जल्दी से स्ट्रेटनिंग व्हील पूरा घुमा दिया जिस कारण वह बाइक वाला तो बच गया लेकिन गाड़ी डिसबैलेंस होकर साइड की डिवाइडर से टकरा गई ।
मुंबई का काफी तंज इलाका था वह जहां काफी छोटे-छोटे घर बने हुए हैं वहीं पर एक छोटा सा घर था जिसका दरवाजा खोलते हुए एक लड़का अंदर चला आया ब्लू कलर की शर्ट के नीचे उसने ब्लैक कलर की जींस पहनी हुई थी और कंधे पर बैग लटक रहा था ।
उसकी उम्र लगभग 20-21 के आसपास होगी और दिखने में काफी ज्यादा खूबसूरत था खासकर उसकी वह आंखें जो की हरे रंग की थी बिल्कुल किसी हीरे की तरह लेकिन उसके चेहरे पर इस वक्त काफी ज्यादा मायूसी थी ।
उसे घर के हाल में एक और लड़का बैठा हुआ था जो की टीवी देखते हुए पॉपकॉर्न खा रहा था दरवाजा खोलने की आवाज सुन कर उसने उसे तरह देखा और कहा “तो कैसा रहा आज का दिन कहीं जॉब मिली या फिर नहीं ?”
“नहीं हर जगह कोशिश करके देख चुका हूं मैं संदीप सलेकिन कुछ नहीं हुआ” कहते हुए वह जाकर सोफे पर बैठ गया और अपना सिर पकड़ लिया ।
“हेय अव्य तू परेशान मत हो सब कुछ ठीक हो जाएगा देखना तुझे जल्द ही कोई ना कोई नौकरी जरूर मिल जाएगी” संदीप ने अपने पॉपकॉर्न को एक तरफ रखते हुए अव्य को कंधों से पकड़ लिया ।
अव्य ने उसकी तरफ देख कर कहां “कुछ ठीक नहीं होने वाला, कल को घर का मालिक आकर सामने खड़ा हो जाएगा और पैसे मांगेगा तो मेरे पास नहीं है कुछ देने के लिए, पिछले 3 महीने से तू मेरा किराया दे रहा है, मेरे खाने पीने का खर्च भी तू ही उठा रहा है, अब मैं तुझ पर भी बोझ नहीं बनना चाहता, मुझे समझ नहीं आ रहा मैं क्या करूं ? ज्यादा पढ़ा लिखा भी तो नहीं होना जो कहीं अच्छी नौकरी मिल सके”
“मैं तेरी हालत समझ सकता हूं आसान नहीं होता इतने बड़े शहर में नौकरी ढूंढना और तब तो बिल्कुल भी नहीं जब तुम्हारा कोई अपना ना हो” संदीप ने उसके कंधे को सहलाते हुए कहा वह दोनों यहां किराए पर रहते थे 2 साल से एक दूसरे को जानते थे ।
संदीप और अव्य दोनों ही अनाथ थे अव्य को कोई अनाथ आश्रम में छोड़ गया था लेकिन 18 साल का होने के बाद उसे वहां से भी जाना पड़ा पहले तो वह एक जगह काम करता था जहां से उसका खर्चा निकल जाता था लेकिन कुछ समय पहले ही वजह का बंद हो गई जिसके बाद उसके पास कोई काम नहीं था ।
अव्य ने संदीप की तरफ देखा और बोला “तू कुछ कर सकता है क्या ? देख तू जानता है इस वक्त मुझे पैसों की बहुत ज्यादा जरूरत है, कोई भी काम होगा मैं करने के लिए तैयार हूं, तू भी तो काम करता है ना तूने बताया नहीं आज तक क्या काम करता है ?”
अव्य के सवाल पर संदीप ने नजर चुराना शुरू कर दिया उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह अव्य को क्या जवाब दें ?
संदीप ने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा “देख तू मेरे को गलत मत समझना लेकिन मेरा काम थोड़ा सा मुश्किल है”
“हां कोई बात नहीं मैं करने के लिए तैयार हूं तू बता ना ?” अव्य ने जोर देते हुए कहा और उसके हाथों को पकड़ लिया संदीप ने कुछ पल सोच और फिर कहां “अव्य मैं आज तक से बताया नहीं लेकिन मैं एक कॉल बॉय हूं” संदीप के कहते ही अव्य की आंखें बड़ी हो गई और उसके हाथों की पकड़ संदीप के हाथों से छूट गई ।
संदीप ने यह देख जल्दी से उसके हाथों को पकड़ लिया “देख तू मुझे गलत मत समझ, तू जानता है मैं भी पढ़ा लिखा नहीं हूं और इतने बड़े शहर में हम जैसे लोगों को नौकरी मिलना बहुत मुश्किल की बात है, मेरे पास कोई रास्ता नहीं था यार ?”
संदीप की बात सुन अव्य के माथे पर पसीना आने लगा था 2 सालों से रहता था वह संदीप के साथ लेकिन उसे आज तक भी पता नहीं चल पाया था कि संदीप एक कॉल बॉय है हां वह रात को कम पर जाता था यह बात अव्य जानता था ।
तो क्या लगता है आप सभी को क्या अव्य तैयार होगा इस काम के लिए ?
आखिर कैसे होगी मलंग और अव्य की पहली मुलाकात ?
आगे क्या होगा जानने के लिए पढ़ते रहिए हमारी यह कहानी और आज का एपिसोड आप सभी को कैसा लगा कमेंट कर के हमें जरूर बताइएगा और साथ ही एपिसोड को लाइक और शेयर भी जरूर करें ।