Episode 2- Romance in cabin
सुनील वहाँ से चला गया। शांतनु ने अपनी आँखें बंद कीं और उसके सामने तीन महीने पहले का मंज़र आ गया। एक्सीडेंट मे वो शायद मर गया होता अगर वो लड़की उसे न बचाती।
शांतनु के मुंह पर उस लड़की का नाम आ गया,”माहिका।”
उसने अपनी आँखें खोलीं और ग्लास वॉल से बाहर देखा और बड़बड़ाया,”माहिका! तुम कहाँ हो?” उसने अपनी जेब से एक ब्रैस्लेट निकाला और उसकी तरफ देखा।
“तुम्हारा ये ब्रैस्लेट उस दिन मेरी मुट्ठी में ही रह गया।” उसने ब्रैस्लेट पर नज़र डाली जिस पर M इनिशल बना हुआ था। सोने का ये सुंदर सा ब्रैस्लेट शांतनु को कार से बाहर निकालने की खींचातानी में शायद शांतनु की मुट्ठी में रह गया था और उसके होश में आने के बाद नर्स ने शांतनु को वो ब्रैस्लेट वापिस कर दिया।
इतने में शांतनु का कैबिन नॉक हुआ। उसने अपनी सख्त आवाज मे कहा,”कम इन।” उसके कानों में एक सुरीली सी आवाज पड़ी। शांतनु ने सामने देखा जहां उसके ऑफिस की एक खूबसूरत सी एम्प्लोयी खड़ी थी।
शांतनु ने उसकी तरफ देखते हुए पूछा,”कहो पूजा।”
पूजा दिखने में बहुत खूबसूरत थी और उसने जीन्स और टॉप पहने हुए थे। पूजा ने हल्की सी स्माइल देते हुए कहा,”क्या सर? आप इतने महीनों के बाद वापिस आए हैं और मुझे बुलाया भी नहीं।”
शांतनु ने उसे अपने करीब बुलाया और पूजा मटकते हुए उसके पास पहुँच गई। शांतनु ने उसे अपने ऊपर खींच लिया। पूजा शांतनु के ऊपर थी। शांतनु उसके बालों में अपना हाथ घुमाते हुए कहा,”मैं तुम्हें कैसे भूल सकता हूँ?” शांतनु उसे किस करने लग गया और उसके हाथ पूजा की पीठ पर पहुँच चुके थे। पूजा भी शांतनु को किस करने लगी। शांतनु के किस गहरे होने लगे। उसने उसे सोफ़े पर धकेला और कोट उतारकर उसके ऊपर आ गया। पूजा ने शर्ट पकड़कर शांतनु को अपने करीब खींच लिया।
“ये मत करो। सिर्फ शांतनु को कोई मूव करने का हक है।” शांतनु ने अपनी ग्रिप उसके बालों में कसी और उसे किस करने लगा। उसका हाथ पूजा के टॉप के अंदर तक पहुँच चुके थे और वो उसे डीप किसेस देने लगा।
तभी उसके कैबिन में उसका दोस्त दनदनाते हुए अंदर आ गया। पूजा ने जल्दी से शांतनु को धकेल दिया और खुद जल्दी से कैबिन के साथ लगे वॉशरूम में भाग गई।
शांतनु ने उसकी तरफ देखते हुए कहा,”विराट, तू? आराम से।”
विराट ने उसे भौहें उठाकर देखा और बोला,”कम से कम दरवाजा तो बंद कर लेता। पहले दिन आते ही तू शुरू हो गया।” शांतनु ने अपनी शर्ट पहनी और फिर कोट पहनकर बाल ठीक कर लिए। पूजा वहाँ से जा चुकी थी।
विराट उसके करीब आया और उसने शांतनु को अपने गले से लगाते हुए कहा,”थैंक गॉड! तू वापिस आ गया।”
शांतनु ने विराट को कसकर अपने गले लगाते हुए कहा,”मुझे तो वापिस आना ही था। और फिर तू और दादाजी इन तीन महीनों में मेरे साथ न होते तो मेरा पता नहीं क्या होता?”
विराट शांतनु के चेहरे पर हल्के से हाथ मारते हुए बोला,”पागल है क्या? हम तेरे साथ क्यूँ नहीं होते?”
विराट नंदा, 30 के आसपास की उम्र और दिखने में काफी हैन्सम भी था।बचपन से शांतनु और विराट एक स्कूल में पढ़े, एक कॉलेज में गए और काम भी एक साथ कर रहे थे। दोनों पक्के दोस्त जो एक-दूसरे से कुछ भी नहीं छुपाते थे।
विराट ने पूछा,”तेरी उस माहिका का कुछ पता चला?”
शांतनु ने मुंह बनाते हुए कहा,”नहीं यार। वो लड़की न जाने कहाँ गायब हो गई? बस एक धुंधली सी ही याद है। और नाम माहिका।”
विराट ने उसके कंधे पर हाथ मारते हुए कहा,”वो सब छोड़। चल आज क्लब चलते हैं। इतने टाइम बाद तू वापिस आया है। इसकी अब सेलब्रैशन तो बनती है।”
ये सुनकर शांतनु ने स्माइल दी और मुसकुराते हुए बोला,”समझ गया। बस थोड़ा काम निपटा लूँ। उसके बाद चलते हैं।” विराट वहीं सामने सोफ़े बैठकर अपना मोबाईल चलाने लग गया। इतने में सुनील पिछले तीन महीने की डिटेल्स लेकर आया और उसने वो शांतनु के सामने टेबल पर रख दीं। शांतनु ने डिटेल्स पर नज़र डाली और सुनील की तरफ गुस्से में देखते हुए बोला,”क्या है ये सब? पिछले तीन महीनों में मैं नहीं था तो आपने एक भी डील फाइनल नहीं की।”
सुनील ने अपना सिर झुकाते हुए बोला,”सॉरी सर।”
“व्हाट सॉरी? मेरे बिना तो यहाँ का काम ही रुक गया। दिल कर रहा है कि तुम सभी को नौकरी से निकाल दूँ। नाउ, गेट आउट।” शांतनु ने फाइल उठाकर सुनील पर फेंकी। इस पर सुनील सहम गया और वहाँ से चला गया। विराट ने अपना सिर हिलाते हुए कहा,”तेरा दिमाग तो ठीक है? क्यूँ सुनील को बेकार में इतना डांट दिया? तू अच्छे से जानता है न कि तेरी पर्मिशन के बिना कोई भी डील या प्रोजेक्ट साइन नहीं होती। फिर भी।”
शांतनु ने अपनी आँखें बंद कर लीं। विराट ने उसकी तरफ पानी का ग्लास बढ़ा दिया। शांतनु ने पानी पीया और फिर विराट की तरफ देखा।
विराट उसके सीरीयस चेहरे को देखकर हँसते हुए बोला,”कभी हंस भी लिया कर। हंसने के पैसे नहीं लगते।”
उसकी बात सुनकर शांतनु के चेहरे पर मुस्कान खिल उठी और उसने कहा, “चल, क्लब चलते हैं।” उसके बाद शांतनु और विराट दोनों क्लब के लिए निकल गए।
जेसिस क्लब
दोनों कुछ देर में जेसिस क्लब पहुँच गए जो एक डिस्कोथेक ही नहीं बल्कि बार भी था। साथ ही क्लब बना हुआ था जहां सभी गेम्स थे। शांतनु को वहाँ आकर सुकून महसूस हुआ। दोनों मिलकर स्नूकर खेलने लग गए।
विराट ने कहा,”चल यार! ड्रिंक करते हैं। कितने दिन हुए। आज मौका भी है और दस्तूर भी। और वैसे भी ये क्लब तेरा ही है तो चिंता किस बात की।”
जेसिस क्लब शांतनु का ही था जो उसने नाइट बर्ड्स के लिए खुलवाया था। दोनों एक कैबिन में पहुंचे और ड्रिंक ऑर्डर कर दी।
विराट ने बात शुरू करते हुए कहा,”वैसे तू माहिका को क्यूँ ढूंढ रहा है?”
शांतनु ने उसे घूरते हुए देखा,”क्यूँ का क्या मतलब? उसने मेरी जान बचाई थी। एक परी की तरह उस दिन वो आई और मेरी जान बचाकर न जाने कहाँ गायब हो गई? उसको एक बार थैंक्स करन चाहता हूँ। शायद मैं उसके लिए कुछ कर पाऊँ और ये उसका..”
विराट ने ड्रिंक करते हुए उसकी तरफ देखा,”क्या?”
शांतनु ने न में अपना सिर हिला दिया। “कुछ नहीं।” उसने ग्लास उठाते हुए कहा,”Cheers.”
विराट ने भी उसके ग्लास से ग्लास टकराते हुए कहा,”Cheers.”
कुछ देर दोनों बैठे हुए बाते करते रहे। अचानक विराट का फोन रिंग होने लगा। विराट ने अपना फोन निकालकर देखा तो स्क्रीन पर नाम देखकर उसकी भौहें तन गयी।
शांतनु ने इशारे से पूछा,”क्या हुआ? कौन है?”
“सिमर और कौन? उसके अलावा मैं किसी से दुनिया में परेशान नहीं होता।” इस बात पर शांतनु हंसने लगा तो विराट ने कहा,”हंस ले बेटा। जिस दिन तेरी गर्लफ्रेंड या बीवी होगी, उस दिन देखना।”
शांतनु गंभीर होते हुए बोला,”वैसे तो मुझे कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनानी। और अगर मैंने गर्लफ्रेंड बनाई या शादी की तो मैं तेरी तरह डरपोक बनकर रहने वालों में से नहीं हूँ। आई एम अ डेविल। उस लड़की को हमेशा मेरे इशारों पर नाचना होगा। I am not so easy to handle like you.”
“अच्छा! ठीक है। अब मुझे लेक्चर मत दे। मैं जा रहा हूँ।”
शांतनु ने विराट के कंधे पर हाथ मारा और बोला,”ओके बाय।”
विराट के जाने के बाद शांतनु ड्रिंक करने लग गया। वो इस टाइम अपने कैबिन में अकेला था। अचानक उसके कैबिन का दरवाजा बहुत तेज़ी से खुला और एक लड़की भागकर उसके पास आई और उसके पैरों में गिरते हुए बोली,”मुझे बचा लीजिए, प्लीज़।”
उस लड़की के चेहरे पर बाल आए हुए थे। शांतनु उसका चेहरा देखने की कोशिश कर रहा था।
“वो लोग मेरे पीछे पड़े हैं। Please help me.”
उस लड़की ने रोते हुए अपना चेहरा ऊपर किया और शांतनु की तरफ देखा। शांतनु उसकी तरफ देखकर बड़बड़ाया,”माहिका?”
क्या सच में शांतनु के सामने वही माहिका थी जिसने उसकी जान बचाई थी?
To be continued …