Episode 01
बुलेट राजा – 1. पहला दिन
सुबह का सूरज जैसी ही एक बालकनी से होकर कमरे के अंदर आता है, तो कमरे के बिस्तर पर लेटी हुवी खुसबसूरत लड़की के होठो पर बड़ी सी मुस्कान आ जाती है, उसका गोरा रंग लम्बे काले बाल वो लड़की बला की खूबसूरत थी।
“ आह….. “ धड़म की आवाज होती है और लड़की बेड से निचे गिर जाती है। उस लड़की ने अपनी कमर पकड़ते हुवे कहा “ हे!, भगवान ना जाने ये आदत कब जायेगी…” कहते हुवे वो उठती है।
इन सब मे उसकी नींद पूरी तरह से खुल जाती है। उस लड़की ने साइड टेबल से अपना फोन देखा तो घड़ी मे 7 बज रहे थे। “ हे!… भगवान 7 बज रहे है.. और 9 बजे की कॉलेज है… और आज कॉलेज का पहला दिन है.. “ कहकर वो तुरंत बिस्तर से उठकर जाने वाली थी की उसका फोन बजने लगा।
उसने फोन पर नाम देखा तो उस पर बाबा फ़्लैश कर रहा था। उस लड़की ने मुस्कुराते हुवे फोन उठाया और अपने कान पर लगाकर कहा “ गुडमॉर्निंग बाबा “
दूसरी तरफ अधेड उम्र के व्यक्ति की आवाज चेहकती हुवी आयी “ मीरा, गुडमॉर्निंग “।
मीरा ने मुस्कुरा कर कहा “ कैसे है आप?? और सुबह सुबह फोन किया। सब ठीक तो है?“
दूसरी तरफ से बाबा ने कहा “ हा, मीरा सब ठीक है… आज तेरा कॉलेज का पहला दिन है इसलिए सोचा तुझे कॉल कर लू.. अब बता कैसा है सब कुछ दिल्ली मे?.. कोई परेशानी तो नहीं..?? “
मीरा ने अपने बाबा से कहा “ नहीं बाबा.. कोई परेशानी नहीं…मै तो बस कॉलेज जाने के लिए तैयार ही हो रही थी।“
बाबा ने सर हिलाकर कहा “ कितना अच्छा होता की तू यही लखनऊ मे ही आगे की पढ़ाई पूरी कर लेती, तुझे देखे बिना मन नहीं करता है.. “।
मीरा ने ये सुना तो उसका दिल भर आया, लखनऊ मे पली बड़ी अर्पिता दिल्ली अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने अकेले आयी थी।
मीरा ने अपने बाबा से कहा “ बाबा… बड़े सपने को पूरा करने के लिए बड़ी जगहों पर तो आना था। और मै किसी और के घर पर तो नहीं… माँ के घर पर हूँ…”.
ये सुनकर बाबा हल्का सा सर हिलाकर बोले “ जा जाकर तैयार हो जा… तुझे कॉलेज जाना है.. “।
मीरा ने हा कहा तो बाबा ने आगे हिदायत देते हुवे कहा “ ध्यान से कॉलेज जाना, और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना.. सुना है बड़े बड़े कॉलेज मे कुछ बच्चे परेशान करते है.. पर तू उनसे उलझना नहीं और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना “
मीरा ने ये सुना तो कहा “ हा, बाबा ध्यान करूंगी पर ये बताइये माँ और कुहू कहाँ है??? “
“ वो दोनों मंदिर गयी है.. शाम को आकर बात कर लेना “। बाबा ने कहा तो मीरा ने भी हा बोलकर फोन रखा और जल्दी जल्दी तैयार होने लगी। बेग मे किताबें भरकर और जरूरत का सामान भरकर मीरा ने भगवान से मन ही मन आज के नये दिन के लिए थैंक्स कहा और आगे बढ़ गयी।
“ कॉलेज आधे घंटे की दुरी पर है.. पैदल ही ठीक रहेगा इससे अच्छी वाकिंग हो जायेगी “ खुद से इतना कहकर मीरा ने अपनी साइकिल को नहीं लिया। और आगे बढ़ गयी।
दिल्ली यूनिवर्सिटी,
कॉलेज के बाहर कुछ स्टूडेंट खड़े होकर अपने दोस्तों के साथ बाते कर रहे थे तो कुछ स्टूडेंट गेट से अंदर जा रहे थे। मीरा गेट के सामने आकर खड़ी हो गयी और आसमान को देखा, उसका दिल जोर से धड़क रहा था।
“ मेरा शिक्षा का मंदिर, और आज मै इस मंदिर से अपना लक्ष्य और नया मुकाम हासिल कर लुंगी “ कहकर उसने हाथ जोड़े और भगवान थैंक्स कहकर अंदर गयी।
कॉलेज का बड़ा सा ग्राउंड एक तरफ गार्डन तो एक तरफ प्ले ग्राउंड जहा बच्चे पढ़ाई करते तो खेल भी खेल रहे थे। मीरा ने ये सब देखकर खुद से कहा “ ये मेरी क्लास कहाँ होंगी?.. बोर्ड कहाँ लगा होगा.. “ कहकर अर्पिता ने सोचा किसी से पूछ ले…
तभी सामने से उसे आईडी कार्ड लगाए पिउन आता हुवा दिखाई दिया। मीरा उससे कुछ पूछने वाली थी की तभी उसे एक जगह से शोर सुनाई दिया, मीरा ने उस ओर देखा तो वहां एक जगह काफ़ी भीड़ थी।
तभी वहां दो लड़कियों ने आपस मे बाते करते हुवे कहा “ लगता है रेगीन्ग चालु है।”
दुसरी बोली “ हा नये जूनियर आये है तो मजा तो होगा “ कहते हुवे बो लोग निकल गयी।
मीरा ने ये सुना तो उसके कान खड़े हो गए “ निकल ले मीरा यही सही होगा.. “ कहकर वो मुड़ी तो पिउन वहां स जा चूका था। मीरा भी आगे बढ़ गयी। वो कॉलेज के अंदर आयी तो उसने सब जगह नोटिस बोर्ड ढूंढा, कुछ देर ढूंढने पर उसे नोटिस बोर्ड दिखाई दिया।
मीरा ने उस नोटिस बोर्ड मे अपनी क्लास देखि और सब कुछ एक कागज मे लिखकर जाने लगी की तभी एक लड़का जोर से चीखता हुवा उसकी तरफ भागकर आया “ बचाओ मुझे। अरे! नहीं प्लीज मुझे छोड़ दो।” मीरा इससे पहले कुछ समझ पाती वो लड़का आकर उससे बुरी तरह टकरा गया, उसके टकराने से अर्पिता लडखड़ा कर कुछ कदम पीछे हो गयी, पर वो लड़का जमीन पर गिर गया।
मीरा ने देखा वो लड़का दिखने मे काफ़ी नार्मल और आँखों पर चस्मा लगाए हुवे था। पर उसके कपड़े कुछ अस्त व्यस्त हो गए थे। मीरा को उसके लिए इतना बुरा लगा की उसने अपना हाथ देकर उसे उठाना चाहा पर तभी वहां कुछ लोग आकर उस लड़के को घेर लेते है।
एक आरव नाम के लड़के ने उसे उठाकर कहा “ क्या बे!… हम से बचकर भाग रहा था। अरे!… हम इस कॉलेज के बदमाश गैंग है.. हमसे कोई नहीं बच सकता है.. “
“ अरे!… लेकिन मै ही क्यों?.. मैंने क्या किया..?. मै तो अपनी क्लास के लिए जा रहा था “ उस लड़के ने घबराकर कहा…
तभी सामने से मनीषा नाम की लड़की आकर बोली “ वेल, किया नहीं है तो क्या हुवा?.. पर अब करना है वो भी सब के सामने…”।
“ क्या? क्या? करना होगा?.. “ उस लड़के ने घबराकर कहा…
“ क्या?..क्या?..नहीं, मुजरा करना है मुजरा। “ बदमाश गैंग के मेंबर ने कहा। मीरा पीछे खडी सब कुछ देख और सुन रही थी पर अभी तक बदमाश गैंग की नजर उस पर नहीं गयी थी। वहां और भी स्टूडेंट शांत होकर देख रहे थे।
किसी को आँखों मे गुस्सा सा था तो किसी की आँखों मे कुछ ना करने का पछतावा। वो सब हार मानकर वो सब देख रहे थे। मीरा भीड मे धीरे धीरे पीछे जाने लगी।
क्या होगी मीरा की रेगीन्ग या बच जायेगी मीरा ?
जानने के लिए पढ़े “ बुलेट राजा “।
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Nice story