- अब आगे….
बाहर हाल में पूरा परिवार बैठा हुआ था प्रतिमा ने लाइट पिंक कलर का अनारकली सूट पहना हुआ था बाल गीले थे जो की कंधे पर बिखरे हुए थे और अभी भी बालों से कुछ पानी टपक रहा था लेकिन ना मांग में सिंदूर था ना गले में मंगलसूत्र ना हाथों में कोई चूड़ियां थी
प्रतिमा पूरे परिवार के साथ अगर डाइनिंग टेबल पर बैठ जाती है इस वक्त डाइनिंग टेबल पर पूरे परिवार की औरतें बैठी हुई थी
प्रतिमा को देखकर रघुवंशी परिवार की सबसे बुजुर्ग यानी की दादी जी श्रीमती गायत्री देवी जी कहती हैं
प्रतिमा बेटी कम से कम आज के दिन तो मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहन सकती थी ना.. आज करवा चौथ है आज के दिन मांग सुनी नहीं रखते..
प्रतिमा बिना दादी जी की तरफ देखें डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए अपने हिस्से का खाना निकलते हुए कहती है
दादी जी, जिन चीजों का मेरी जिंदगी में कोई मतलब ही नहीं है उन्हें पहनने का क्या फायदा, और वैसे भी आपके पोते ने मुझे ना तो मंगलसूत्र पहनाया था और ना ही मेरी मांग में सिंदूर भरा था हमारी शादी सिर्फ कागज के पेपर पर साइन करने पर हुई थी
जब एक कागज के पेपर पर सिर्फ साइन करने से दो इंसान को शादी के रिश्ते में बांधा जा सकता है तो फिर मंगलसूत्र और सिंदूर क्या मायने रखते हैं
प्रतिमा की बातें सुनकर दादी की निराशा से अपने आप को शांत कर लेती है और कुछ नहीं कहती.
दादी जी का इस तरह से प्रतिमा के द्वारा किया गया अपमान देवकी जी को बिल्कुल अच्छा नहीं लगता देवकी जी जो की अभिनव रघुवंशी सौतेली मां थी लेकिन देवकी जी अभिनव से बहुत प्यार करती थी देवकी जी के लिए उनका बड़ा बेटा अभिनव ही था देवकी जी ने कभी भी अभिनव को अपना सौतेला बेटा नहीं माना था देवकी जी अभिनव को सगी मां से भी ज्यादा प्यार करती थी
लेकिन अभिनव और अभिनव के मां के रिश्ते कुछ खास नहीं थे अभिनव ने कभी भी उन्हें मां क़हकर नहीं पुकारा था लेकिन ऐसी बात नहीं थी कि अभिनव उनकी रिस्पेक्ट नहीं करता था
अभिनव भी देवकी जी की बहुत रिस्पेक्ट करता था लेकिन कभी भी अभिनव देवकी जी को अपनी मां की जगह नहीं दे पाया था
देवकी की प्रतिमा से कहते हैं
प्रतिमा बेटा यें तुम मां से कैसी बातें कर रही हो कभी तो इस परिवार को अपना मानकर उनकी कहीं बातों को भी मान लिया करो
प्रतिमा:- आपके कहने से मैंने व्रत रख लिया क्या इतना काफी नहीं है,
देवकी जी भी खामोश हो जाती हैं और प्रतिमा से कुछ नहीं कहती
तभी सुनैना जी गायत्री जी से कहती हैं मां आप भी किस से अपनी बात मनमानी की कोशिश कर रही हैं आप तो जानते हैं ना कि आपकी यह प्यारी बहू घर में किसी का कहना नहीं मानती बस वही करती है जो इसे करना होता है
सुनैना जी गायत्री जी की सबसे बड़ी बहू थी
चलिए हम थोड़ा सा रघुवंशी परिवार के बारे में जान लेते हैं कि रघुवंशी परिवार में कौन-कौन सदस्य रहते हैं
सबसे पहले हम मिलते हैं रघुवंशी परिवार हेड ऑफ़ द फैमिली मेंबर्स से, दादाजी जिनका नाम सूर्य प्रताप रघुवंशी था दादा जी स्वभाव में थोड़े कड़क मिजाज के हैं
और आज भी घर के फैसले सूर्य प्रताप रघुवंशी जी ही लेते हैं गायत्री जी के तीन बेटे हैं और तीनों बेटे एक साथ रघुवंशी मेंशन में ही रहते हैं
गायत्री देवी जी, जो कि रघुवंशी परिवार की सबसे बुजुर्ग और सबसे सीनियर सिटीजन है दादी जी का स्वभाव हर दादी मां की तरह बहुत ही नरम और खुशमिजाज है लेकिन अभिनव के जाने के बाद दादी जी ख़ामोश रहने लगी थी
गायत्री जी के सबसे बड़े बेटे का नाम कैलाशनाथ रघुवंशी है
और उनकी पत्नी का नाम सुनैना रघुवंशी है
कैलाश नाथ और सुनैना के दो बच्चे हैं
उनके बेटे का नाम देवेश रघुवंशी जिसे नशे और जुआ खेलने की इतनी गंदी लत लगी जिसकी वजह से सूर्य प्रताप रघुवंशी जी ने देवेश को रघुवंशी कॉरपोरेशन निकाल दिया
क्योंकि दिवेश ने कंपनी के अकाउंट से पूरे 5 करोड रुपए निकाले और उन्हें हुए में हार गया था. जब यह बात दादाजी को पता चली तो दादा जी ने देवेश को कंपनी से बाहर निकाल दिया था
देवेश की शादी हो चुकी थी और दिवेश की पत्नी का नाम स्वाति रघुवंशी था और स्वाति बहुत ही लालची और घमंडी थी
कैलाश नाथ और सुमित्रा जी की एक बेटी भी है जिसकी शादी हो चुकी है वंशिका रघुवंशी और वंशिका अपने पति के साथ अपने पति के घर में रहती है वंशिका के पति का नाम शशांक राजपूत है जो कि राजपूत कंपनी का सीईओ है
चलिए अब मिलते हैं गायत्री जी और सूर्य प्रताप जी के दूसरे बेटे से जिनका नाम पृथ्वीराज रघुवंशी था पृथ्वीराज रघुवंशी अब इस दुनिया में नहीं थे उनकी मृत्यु लंबी बीमारी की वजह से 5 साल पहले ही हुई थी..
पृथ्वीराज रघुवंशी जी की दो पत्नियों थी पहली पत्नी का नाम यशोदा था जब अभिनव 5 साल का था तब यशोदा जी की मृत्यु अभिनव को एक हाथ से में बचाते वक्त हो गई थी..
अभिनव की परवरिश के लिए पूरे परिवार के जोर देने पर पृथ्वीराज जी ने दूसरी शादी यशोदा जी की छोटी बहन देवकी जी से कर ली थी
देवकी जी के भी दो बेटियां थी..
सीमा और शशि.. दोनों ही बहुत खूबसूरत और बहुत ही प्यारी थी और अभिनव से बहुत प्यार भी करती थी लेकिन अभिनव हमेशा ही उन दोनों से दूर-दूर रहता था
सीमा और शशि को अपने भाई की बहुत याद आती थी लेकिन अभिनव ने एक बार भी फोन करके कभी अपनी दोनों बहनों से भी बात नहीं करी थी
गायत्री जी और सूर्य प्रताप जी की सबसे छोटे बेटे का नाम सोमनाथ रघुवंशी था और उनकी पत्नी का नाम राधिका था
सोमनाथ जी के दो बेटे थे
उनके बड़े बेटे का नाम प्रशांत रघुवंशी था प्रशांत की शादी को अभी 4 महीने ही हुए थे प्रशांत की पत्नी का नाम प्रीति था
और सोमनाथ जी के दूसरे बेटे का नाम तनिष्क रघुवंशी था और तनिष्क की अभी शादी नहीं हुई थी..