Episode – 2
इंडिया
कोहीनूर ग्रुप
टॉप फ्लोर
Meeting room
Come fast सारे डिपार्टमेंट के हेड को मिटींग रुम में बुलाया है। बस अगले पाच मिनट के अंदर सबलोगो वहा होने चाहिए केहकर प्रणव ने सर उपर कर अपने सामने बैठे शख्स को देखा ।
जिसका सर लेपटॉप की स्क्रीन पर था। आंखों में गुस्सा उतर आया था, आंखें पुरी तरह वाले नजर आ रही थी। गुस्से को कंट्रोल करने की कोशिश में बाजूओ में उसकी शर्ट हल्की-सी सी टाइट होकर फट गई थी।
ये सब देखकर सामने खड़े प्रणव की जान हलक में अटक गई थी।
प्रणव खुद से मन ही मन में बोला , पता नहीं किसकी किस्मत खराब है। जो कोहिनूर की प्रोजेक्ट डिटेल्स किसी ओर को देकर केविन सिंघानिया से दुश्मनी मोल ले रहा है। उसके साथ पुरे लोगों को इस हैंडसम शैतान का गुस्सा झेलना होगा।
करीब बीस-पच्चीस मिनट
सबलोग मीटिंग रुम में आ गये थे । सब एक-दूसरे को कंफ्युज होकर देख रहे थे। अभी तो सीईओ की चियर खाली थी। क्या बात हो सकती है।
तभी मिटींग रुम का डोर खुला और फेस पर साफ साफ गुस्सा नजर आ रहे शख्स की एंट्री मिटींग रुम में हुई।
मिटींग रुम में सिरीयस माहोल बना हुआ था। हेड चियर पर बैठते ही केविन ने सबको गुस्से से देखा अगले ही पल उसकी कर्कश आवाज पुरे रुम में गुंज उठी , “तुम लोगों को , में यहां काम करने के पैसे देता हुं। मेरी कंपनी की इन्फोर्मेशन दुसरो को प्रोवाइड करने के लिए नहीं।” तब तक वो अपनी जगह पर बैठ गया था।
केविन अपनी जगह से खड़े होकर , मेने बस अभी पुछा वो कौन है। जिसने हमारी सारी इन्फोर्मेशन किसी ओर कंपनी को दि है।
वो अपने आप सामने आये। नहीं तो उसके आगे जो होगा वो शख्स खुद जिम्मेदार होगा । जो भी होगा उसके लिए बहोत बुरा होंगा।
अब तो केविन पुरे मिटींग रुम में घुम रहा था। डर के मारे , सबकी धड़कने तेज चल रही थी जब भी केविन किसी के चियर के पास से गुजरता। उसकी सांस लेने की भी हिम्मत नहीं हो रही थी।
केविन अब भी सबको चुप देख कर अपनी मुठ्ठी भींचते हुए केहता है,”मुझे शर्म आ रही है। हमने कंपनी में एम्प्लोई नहीं सांप पाल कर रखे हैं !”
ऐसे सांप जो हमारी सैलरी लेकर किसी ओर के जूतों के साफ कर रहे हैं । बस चंद पैसों के लिए, इसके पेहले जो हुआ। सो हुआ उस शख्स के लिए ओर एक चांस।
पर अब भी मिटींग रुम में सन्नाटा फ़ैला हुआ था।किसी की आवाज करने की या उपर सर करके बोलने की हिम्मत नहीं थी।
तभी केविन का फोन वाइब्रेंट हुआं -फलैश हो रहे मेसेज को देखकर केविन ने , आंखें बंद की ओर गेहरी सांस छोड़ते हुए खुद से बोला , अब क्या हुआ ?
तभी एक शख्स मिटींग रुम में एंटर कर थोड़ी देर में टेबल पर रखे लेपटॉप कुछ करने के बाद एकदम से सर उठाकर बोला, सर हो गया ।
केविन एकदम से सर उठाकर उस लेपटॉप को देखता है। जहां कुछ वीडियो प्ले हो रही थी। वो देखने के बाद केविन ने प्रणव को देखा ओर उसे ओर्डर देने के लहजे में कहा, तुम ये सब कैसे हैंडल करते हो मुझे नहीं पता पर एक दिन के अंदर सुलझ जाना चाहिए।” You understand, better understand , ओर अपना कोट सही करते हुए बाहर निकल गया ।
प्रणव सर हिलाते हुए रेह गया था।
प्रणव ने जाते हुए सीईओ को देखा ओर खुद से स्माइल कर कहां, कल का दिन सबके लिए काला दिन केहलाने वाला है।
दुसरी तरफ
शाम के चार बजे
क्या हुआ केविन तुमने इतनी जल्दी मिलने बुलाया। रोहन ने सोफे पर बैठे इन्सान को देखा जो आंखें बंद कर बैठा था।
केविन ने आंखें खोली और सामने देखा । उसकी वो gray आंखें आग उगल रही थी, एकपल के लिए रोहन भी डरकर दो कदम पीछे हट गया। ओर अपना सर पुरे रुम में घुमाकर देखते हुए बोला – ओर लोग नहीं आये ?
केविन सिंघानिया
उम्र 30 साल
कोहिनूर ग्रुप का सीईओ,
ओर विकास सिंघानिया का बड़ा बेटा
क्यों चाहिए सबलोग जब काम बस हम-दोनों का हो तो?
रोहन केविन की बात सुनकर थोड़ा डर गया। रोहन ऐसी क्या बात है जो में, आप
केविन ने एक नजर रोहन को देखा और अपने सामने रखी टेबल के नीचे हाल डालकर एक रेयर बियर की बोतल निकालकर उसे टेबल के बीचोंबीच रखा ।
रोहन जो यहां वहां देखकर खुद को केविन की आंखों में देखने से बचा रहा था। उसके कान खड़े हो गये । उसने सर घूमाकर टेबल पर देखा। उसकी आंखों में चमक आ गई।
केविन उसे ही होंठो पर मिस्टीरियस स्माइल के साथ देख रहा था।
उसे देखकर रोहन बोल पड़ा वो पुरी फैमिली तुम्हारी शादी की तैयारी में जुट गई है। ये बात अदिती को पता चली है।
वो तुमसे मिलना चाहती थी। पर उसे कल ही काम के चलते आउट ओफ कंट्री जाना पड़ा इसलिए उसने मुझे यहां भेजा है।
रोहन की नजरे उसके आंखों के सामने घुम रही उस बोतल पर थी। ये बियर एक खास तरह की थी । जिसकी प्राइस ही इतनी थी, आम इन्सान का पुरे एकसाल का खर्चों उठा सकती थी।
केविन – रोहन की बात सुनकर वो बोतल वही रखकर विंडो के पास जाकर खड़ा हो जाता है , वो कुछ सोच रहा था।
तबतक रोहन ने पुरी बोतल उठा कर अपने मुंह को लगाई थी।
केविन आगे देखते हुए बोला- उसे वहीं रेहने दो कुछ दिनों या ज़रुरत पड़े तो महीनों के लिए भी !
रोहन जिसने मुंह से बोतल लगाई थी। उसका ध्यान केविन की बातों पर ही था, एकदम से उसे खांसी आ गई। ओर उसमें मुंह में घुट ली शराब बाहर निकल गयी थी।
ये रोहन के लिए हमेशा से ही केविन की बातें झटके से कम नहीं रेहती थी।
रोहन टिशू पेपर से अपना मुंह साफ करते हुए बोला-What this nonsense Kevin ,
“ये क्या बकवास है!” तुम्हें पता है सबलोग तुम्हारी शादी करवाना चाहते हैं।
तुम उसे उनलोगो से मिलवाने का छोड़कर उसे वहीं रेहने के लिए प्लान बना रहे हों! तुम्हारे इस शैतानी मुस्कुराहट और दिमाग में चल क्या रहा है।
ये कैसा प्यार है तुम्हारा,तुम करने क्या वाले हो ? या बस ये एक एट्रेक्शन था जो उसके साथ…
पर रोहन अपनी बात आगे पुरी नहीं कर पाया, केविन उसे गुस्से से घुर रहा था।
रोहन ने – अपने सर को सेहलाया ओर खुद से बोला गलत बोला रोहन जबान को लगाम रख कहीं ये हैंडसम शैतान तेरी जबान ना खींच ले ,
रोहन – केविन की आंखों को इग्नोर कर तुम्हें तो अरेंज मैरिज से सख्त नफ़रत थी ना !
केविन- थी नहीं , जिंदगी भर अरेंज मैरिज से नफ़रत रहेगी , फिर केविन ने कहा वो सब नहीं मानेंगे तुम फैमिली को अच्छे से जानते हो , “ओर अगर मैंने उनकी नहीं सुनी तो कोहिनूर हाथ से जा सकती है।” इसलिए में अभी उनकी बात मानने के अलावा कुछ नहीं कर सकता।
फिर एकदम से अपने हैंडसम चेहरे पर डेविल स्माइल लेकर कुछ दिन ओर जबतक में कोहिनूर को पुरी तरह अपने हाथों में ना लूं ? वो लोग नहीं मानने वाले, ओर अभी मेरे पास उनकी बात मानने के सिवाय और कोई ओप्शन नही है। पर उनको भी कैसे बोतल में उतारना है , ये में अच्छे से जानता हूं।
एक तो शादी करो और अपनी चियर बचाओ नहीं तो अपने पसंद की लड़की चुनकर सिंघानिया कंपनी को छोड़ दो , ओर तुम्हें पता है में नाही चियर छोड़ सकता हूं ना सिंघानिया फैमिली का नाम तो क्यों ना बीच का रास्ता अपनाया जाये ।
रोहन एकदम से खड़े होकर कौनसा बीच वाला रास्ता भाई ,
केविन उसी ठंडे लेहजे में , उनको उनकी मनपसंद बहु लाकर में अपनी वाली के साथ इनजोय करूंगा , बाकी सब समय आने पर पता चलेगा। सबकों अपनी मन की करने दो बस उसके बाद आखिरी खेल मेरा होगा?
केविन की आंखों में शैतानीयत साफ नजर आ रही थी। उनको बहुत शौक है ना मेरी अरेंज मैरिज करवाने का , बस देखते जाओ..?
जो शादी करवाने वाले है वो ओर जो मुझसे शादी करेंगी वे भी जिंदगी भर खुद को कोसती रहेगी। ओर जोर जोरसे हंसने लगा ।
रोहन उसकी हंसी सुन एकपल डर गया। उसके पल्ले केविन की कोई भी बात नहीं पड़ी थी। वो बस उसे शैतानों की तरह हंसते उसे देख रहा था।
इधर
बेहतरीन होटल
रुम नंबर 36
दो घंटे बाद
भरत अब भी कोई डाउट है तुम्हें। नहीं भरत जी ने मिस्टर माणिक सिंघानिया को देखकर ना में सर हिलाया पर उनकी नजरें अपने ही हाथों पर थी , पर उनके हाथ पैर दोनों भी थर-थर कांपे जा रहे थे।
भरत वैराग्य के जाने के बाद अब भी बाकी पांच लोग वही उस रुम में मोजुद थे।
माणिक सिंघानिया- रोहिणी जी को देखकर गुस्से में तिलमिलाएं बोल उठे , बहु आप आपका दिमाग मेनशन से निकलते हुए वहीं छोड़ आई थी क्या?
रोहीणी जी अपने हाथों की मुठ्ठी बनाकर उसी तरह सर नीचे कर सामने खड़े माणिक सिंघानिया को कोस रही थी। ये बुड्ढा पता नहीं कब मरने वाला है, बार बार ये आदमी उनकी इंसल्ट कर ही देता हैं। फिर घर में है या सारे फैमिली गैदरिंग में ,
“क्या औरत की कोई इज्जत नहीं होती?”
पास में बैठे विकास जी – अपने पापा को अपनी पत्नी पर बिगड़ते देख, सिचवेशन को संभालने के लिए बोलते हैं।पापा हमें आपस में नही उस लड़के को समझाना होगा ?
माणिक सिंघानिया- अपने बेटे के मुंह से अपने ही बेटे के लिए ये सब सुनकर जबान संभाल कर बात करो वो तुम्हारा बेटा है।
ओर रही उसे समझाने की बात उसकी ओर मेरी बात हो गई है। वो फंक्शन में भी आयेगा ओर शादी के लिए भी रेडी है। अब शोकड होने की बारी सबकी थी दो सालों से सबलोग केविन के पीछे पड़े हुए थे। पर वो माने तब ना ?
वैराग्य हाउस
क्यों जी ! हुआ क्या है। जबसे क्यूं है बस एक जगह बैठे हो , उनकी ये भी हिम्मत नहीं थी। वो अपने जेब को हाथ लगाकर की भी देखें।
रेखा जी पुरे बीस मिनट से अपने पति के सामने बैठी उनके टेंशन का रिजन पुछ रही थी। पर भरत जी थे की पुरी तरह ब्लैन्क हो गये थे । उन्होंने अपनी पत्नी को वहां होटल में हुई सारी बातें कैसे बताएं वही समझ नहीं आ रहा था।
बस हिम्मत कर उन्होंने आंखें बंद की ओर अपने जेब से दो blank चे निकाल कर पानी बीवी के हाथों में रखकर कहां । सिंघानिया फैमिली चाहती है। ये शादी मुंबई की सबसे बड़ी डेस्टीनेशन वेडिंग बने ,
इसलिए उन्होंने ये चेक दिये है।
रेखा जी की आंखें बाहर आने को हुई थी। पर अगले ही पल वो खुशी से झुम उठी थी। क्या सच में उनके पास ये सब , वो तो बस उन ब्लैक चेक को देखकर ही सपनों मे चली गई थी।
गाड़ी, बंगला , नोकर, चाकर वो आंखों पर शेड्स चढ़ायें चल रही है । दो लोग उनके पीछे पीछे चल रहे थे। एक जाता पकड़कर ओर दुसरा उनका सामान लेकर। उनको घर के अंदर आते ही दो लोग सामने आते हैं, जिनके पास पानी , ठंडा, चाय कोफी पर तभी एक के हाथों से चाय का कप गिरता है। ओर रेखा जी गुस्से से उस नौकर का गला पकड़ लेती है ,
इतने में भरत जी , ये क्या कर रही हो रेखा गला छोड़ो मेरा , ओर इसी आवाज से रेखा जी ख्यालों से बाहर निकल आती है।
वो झट से अपने हाथ भरत जी के गले से हटा कर वो में .. सोरी गलती है गयी जी।
भरत जी अपना गला सेहलाने लग जाते हैं । उनको लगा था सच में उनकी जान निकल जायेगी , पता नहीं क्या कर रही थी ये औरत
तभी शर्म सूं अपना सर नीचे कर रेखा जी वो ब्लैक चेक उठाकर चली जाती है । उनके मन में लड्डू फुट रहे थे। उनकी किस्मत इतनी कैसी चमक गई थी। वो भी भगवान का धन्यवाद करने लगी , वो आसमान में उड़ रही है ये उनके लग रहा था।
उन्होंने वो चेक लिए ओर भगवान के आगे रखकर उनका शुक्रिया अदा करने लगी। उनकी बेटी की किस्मत जो चमक गई थी।
क्या होगा आगे ….
मिलते हैं नेक्स्ट एपिसोड में…
क्या सजा मिलेगी इंफोर्मेशन लिक करने वाले को …?
To be continued…