Episode -1
Devil’s love
मुंबई
“ओहो ! दि आपको क्या लगता है?”
दो लड़कियां मुंबई मेट्रो स्टेशन पर उतरती है, दोनों भी एकसाथ उस मेट्रो स्टेशन से बाहर निकल आती है।
रश्मी ने कहा “चल बस बस नौटंकी बाज कहीं की पता है मुझे तू क्या सोच रही है। पर सुन आज तेरी एक नहीं चलने वाली समझीं।”
उनको पता चलाना बस हो गया। वो तो हमें घर के अंदर नहीं लेगी। सिधे बाहर फेंक देगी। ये केहते हुए ही रश्मी ने अपना फोन निकाल कर अपने डेस्टिनेशन चेक किया तो वो उस होटल से करीब एक घंटे की दुरी पर था।
साथ में खड़ी विभूति छोटू सा फेस बनाकर ” ओहो दीदू चलो ना आज आखिरी बार पिला दो आज के बाद में नहीं मागुगी सच्ची में और रश्मी के सर पर हाथ रख कर आपकी कसम दी?”
रशमी सामने खड़ी लड़की की नौटंकी देखकर स्माइल कर ( बस कर और मेरी कसम लेने की तो जरूरत बिल्कुल भी नहीं है) और उसका हाथ अपने सर से हटाकर बस आज के लिए इतनी नौटंकी काफी है।
“तू भी क्या याद करेगी,” और अपने आप से मिस्टीरियस स्माइल के साथ उसके बाद शायद तू खुद……….
पर साइड में चल रही लडकी विभूति तो खुश हुएं जा रही थी।
बाहर आने के बाद वो बदामशेक पीये बगैर नहीं रेह सकती थी। उसका ये तो सबसे पसंदीदा मीठा और ठंडा था। “ओहो दि आज भी आपको मना लिया।
आज पी गई कल भी आपको ऐसी ही इमोशनल कर पी ही लूंगी समझी !” और अपने आप से स्माइल करनें लगी, पर आज आप मुझे इतनी दूर ले आई पर में उनको बताउंगी जरूर
दुसरी तरफ
रोड़ पर चलती कार के अंदर
“क्या तुझे क्या लगता है ! मैं उस जैसी दो कोडी की लड़की के लिए अपने standard गिरा दू क्या?”
वो तो बस एक टाइमपास था। पर अब वो भी नही वो ईस लायक भी नही है, की मैं उसके करिब जाऊ या उसे छु लूँ।”
“बस उसकी सारी की सारी इज्ज़त उतारनी है।”
“कल सुबह होते ही ये विडिओ अपने कोलॅज फर्म पर तहलका मचा देगा !” तो देखते है, किसे अपना मुंह दिखाती है ये लड़की …।?
“कार में सब सारी ऐसी ही बाते कर रहे थे। ये है अमीर बाप के बिगड़ हुए शहजादे। बस कोलॅज मस्ती के लिए ही तो एडमिशन किया है।
साथ में बैठा विराट बोला–
“क्या भाई ! हमने तो सुना था, “तुम उसे आज प्रपोज करने वाले हो?”
क्या?”
एक ही झटके साथ कार रोड के बीचोंबीच रुक गई थी। राघव ने हैरानी से अपने तीन दोस्तों की और देखा जो पीछे की सीट पर बैठे हुए थे।
बाकी लोग जो आराम से बैठे थे, वो तो एकदम से ब्रेक लगने से आगे आकर गिरे थे, सनी अपने गोद में आ गिरे रेहान को घुर देखकर। ठिक से नहीं बैठ सकता था।
तो रेहान सनी से सोरी केहते हुए ही, नहीं भाई वो कार ही इतनी स्पीड से रुकी की संभलने का मौका ही नहीं मिला।
पर इन सबसे अलग तो राघव ने गुस्से से अपने दांत पीसते हुए कहा ” किसने फैलाई ये घटिया बात की मैं उस घटिया लड़की को प्रपोज करने वाला हूं।
वही साइड से राहुल बोला पता है ना उस लड़की के पिछे कितने कोलॅज के लडके पागल है। सच में कुछ तो बात है लड़की में पर में ये नहीं जानता की, वो इस पार्टी में शामिल होगी भी या नहीं, हम ये नहीं पता सकते वो तो चुप हो गया पर बाक़ी सारे लोग उसे हैरानी से देखने लगे थे।
इन सबमें विराट राघव की और देखकर बोला–
दूसरी बार जा रहे हो उसके सामने ये सब क्यों भाई ! क्या
“कर रहे हो तुम लोग?” तुम्हारी सोच तो हमारे पल्ले नहीं पड़ रही है।
राघव ने अपनी बात केहते हुए ही कार स्टार्ट किए बोला —
“यार तुम लोग बस करो अभी, सिर्फ तमाशा देखो !” कल वो लड़की किसी को भी मुह दिखाने के लायक नही रहेगी।
ये कहते हुए उसके फेस पर एक मिस्टीरियस स्माइल थी। तो बाकी लोग शायद समझ गये थे और वो भी स्माइल करने लगे,
सनी बोला – “तुझे क्या लगता है।”
वो लड़की सच में करेगी ये सब “अगर वो मुकर गई तो?” और वो लड़की है, तेरे प्लान मुझे पता है। एक बार और सोच ले मेरे यार!
पर तभी राघव आंखें छोटी कर बोला
तुझे तो बड़ा प्यार उमड़ आ रहा है उस लड़की पर, भाई मसला क्या है, उमम… उम.. ह..।
पर सनी सबकी बात बीच में ही काट कर
” मेरा और, उस जैसी दो टकके की लड़की पर दिल आयेगा नो नेवर कभी नही, मेरे स्टैंडर्ड ईतने भी गिरे हुए नही है भाई?”
आय जस्ट इन्जॉईग धंस मुवमेट यार।
तभी राघव सनी के कन्धे को थपथपाते हुए ही बोला।
Ok fine “bro….”
That’s wait and watch today show “?bro…..” और चारों भी शैतानी हंसी हंसने लगे।
(कया सच में होंगे ये लोग अपने मकसद में कामयाब)
दुसरी तरफ
रात का समय।
होटल सनशाईन
दोनों लड़कियां होटल के entrance पर आकर रुकी थी विभुति की तो आंखें हैरानी से बड़ी हो गई थी। इतना बड़ा होटल देख कर
वो पहली बार इस तरह की बड़ी जगह पर आई थी। दोनों ने वो party ka invitation दिखाया जो फोन पर मेसेज बॉक्स में भेजा गया था। एक इन्विटेशन पर दो लोग इस party में आ सकते थे,
अब दोनों भी अंदर आ गई थी। पर विभुति तो वहां की डेकोरेशन ऐर खुबसूरती देख रही थी। ये था भी तो उसका पैंशन उसे इंटीरियर डिजाइनर जो बनना था। इसलिए वो वहां कि हर एक चीज बड़े ध्यान से देख रही थी, और आज वो यहां इसलिए ही तो आई थी उसे ये सब पेहली बार जो देखने को मिलने वाला था।
दोनों भी अंदर आ गई पर विभुति बस यहा वहा देख रही थी। और उसके साथ चल रही रश्मी उसका हाथ पकडकर कहीं जाना मत मुझे बताये बगैर और उसे लेकर वहां गयी जहां बाक़ी स्टुडेंट खड़े थे।
ये पार्टी सब कोलॅज स्टुडेंट ने मिलकर ऑर्गनाइज की हुई थी। करीब कुछ 50 लोगो ने मिलकर
होटल सनशाईन ये बहुत ही लगझरी होटल था। यहा आना किसी भी आम इन्सान की बस की बात नही थी।
वही विभुति की नजरे सामने झुंड पर गयी तो वो रश्मी का हाथ पकड़ कर दि, ये सब क्या है और मुंह बनाकर ये ऐसा डांस कौन करता है। अब रश्मी को पता था ये इसका पेहली बार है। इसका तो ये ऐसा ही रियाकशन देगी। इसलिए रश्मी ने उसे गांव से आई दो चार लड़कियों के पास छोड़ दिया था।
Song शुरू था और
ये सब लोग बहुत ही सडेकडटिव तरिके से चिपकर डास कर रहे थे। ये सब देखकर उन तीन चार लड़कीयो को बहुत uncomfortable फिल हो रहा था। वो इतनी दूर खड़ी होकर भी uncomfortable हो रही थी। बाकी लोग तो उनको ऐसे देख रहे थे, जैसे वो कोई एलियन हो — पर आज तक उनहोने ये सब नही देखा था, ये सारी लड़कियां कुछ गांव से थी तो कुछ शहर से
दुसरी तरफ
उपर का सेकंड फ्लोर
इन सब के बीच दुसरे फ्लोर पर एक मिटिंग चल रही थी। बिजनेस और अंडरवर्ल्ड के बहुत सारे लोग यहा मिटिंग के लिए आये हुए थे।
ये एक confidensial मिटिंग थी। बहुत ही बडे मसले पर शायद चर्चा चल रही थी। ये एक साउनड proof होल था।
ईतने सब गर्दिश के बीच नाही उपर की आवाज नीचे नहीं सुनाई दे रही थी। नाही नीचे की आवाज उपर आ रही थी।
डि जे साउंड सिस्टम होने पर भी, उपर जितनी शांति वही नीचे पुरा फ्लोर हिल रहा है यही लग रहा था। नीचे वाले फ्लोर पर बहुत शोर शराबा चल रहा था।
वही साईड बार टेबल पर बैठे कुछ लोगों की नजरे उन गांव की लड़कियों पर ही थी। वो एक-दूसरे को आखो से कुछ ईशारे किये जा रहे थे,
उन लोगो ने एक वेटर को पास बुलाकर कुछ पॅकेट और पैसै उसके हाथ मे दिए और उन तीन लड़कीयो की तरफ ईशारा कर कुछ इंस्ट्रक्शन दिए। और वही बैठकर मिस्टीरियस स्माइल के साथ चुप चाप सब देखने लगे।
वही वो दो वेटर उन तीन चार लड़कीयो के पास आकर बडे ही रिस्पेक्ट के साथ केहते है
” miss ये कुछ soft drink है ये आप लोग पी सकती है।”
“OK thanks.” उन लड़कियों ने कहा और वो drink ले ली।
उन तीन चार लड़कियों को कुछ भी गलत नही लगा। और वो धीरे धीरे सारी drink खत्म कर गयी थी। कुछ बीस मिनट ही हुए थे कि, उन तीन चार लड़कियों का सर घुमने लगा था।
तो कबसे चुपचाप देख रही रश्मी आगे आ गई और उनके पास आकर जैसे वो सबसे अनजान हैं यही दिखा रही थी, बड़े ही प्यार भरे स्वर में केहती है।
” अरे तुम्हें क्या हुआ है?”
“ऐसी कया कर रही हो तुम चलो मेरे साथ में तुम लोगो को तुम्हारे रूम दिखा देती हू चलो!” जो हमारे एक दिन के लिए बुक है।
वो उन लोगो को लेकर थर्ड फ्लोर पर चली गई यहा के सारे कमरे vip कमरे थे presidential suite। और उनको अंदर अलग अलग कमरे मे छोडकर बाहर आई तो उसके होठो पर एक कातिल मुस्कुराहट थी।
विभूति को धुंधला दिखाई दे रहा था। इसलिए उसे अपने साथ चल रही लडकी भी कौन है वो समझ नहीं आ रहा था
( विभूति की एक आदत है। जब वो drink पी लेती हे तब खुद को एंजल मानने लगती है। और सबकुछ भुल जाती हैं। अपने आसपास भी)
विभूति –को गर्मी लग रही थी। इसलिए वो एक जगह खड़ी भी रेह नही पा रही थी। वो दिवार का सहारा लेकर मेन डोर तक जा पोहची थी। डोर ओपन करने की कोशिश कर बाहर निकल गई। उसके कदम लड़खड़ा रहे थे। वो बहुत ही नशे मे लग रही थी। यहां दूसरी तरफ मिटिंग ओवर हो गई सब लोग अपने अपने कमरे के तरफ जाने लगे तिसरा फ्लोर पुरा का पुरा वंश के असिस्टेंट ने उसके लिए ही बुक किया था। ईस मे वंश के तीन और फेड्स भी थे जो खास मिटिंग के लिए बाहर से आये थे।
वंश युनियाल अंडरवर्ल्ड की दुनिया का ऐसा नाम जिसका नाम सुनकर ही इन्सान डर से कांपने लगे,
ये रश्मी के गलती के वजह से सिक्स floor par ले जाने की जगह थर्ड फ्लोर पर ले गई थी। उसे पता था की आज यहा कुछ बिजनेस वर्ल्ड की मिटिंग है।बहुत ही बुढे लोग होंगें तो बहुत ही मजेदार होगा ये प्लान वो चुपचाप निकल गई। यहां चलते हुए विभुति बडबडाये जा रही थी कितनी गर्मी है। उसी समय वो किसी से टक्कर खा कर गिरने को हुई तो किसी मजबूत बाहो ने उसे खींच लिया।
वही नीचे से उपर सिक्स फ्लोर पर गये, वो तीन लोग गुस्से से फोन पर बात करते हुए चिल्लाते हुए केहते हैं ” कहा है वो अभी तक आई क्यों नहीं?”
वही राघव जो कार चला रहा था वो एकदम से कार रोक कर, हैरानी से ” what nonsense bandu Bhai!” हमने उनको आपकू दिये गये वो पैकेट पिलाकर ही उपर भेजा है। आप ठिक से देखो, ” फिर स्माइल कर आपको कुछ ज्यादा ही excitement हो रही होगी। और आपलोगो ने उनको ठिक से नहीं देखा होगा।
तो चलो फोन रखो, और उनको ढूंढो पर एक बात याद रखना हमारा नाम नहीं आना चाहिए समझे और फोन कट कर, पीछे देख कर चलो यारों हम पार्टी करते हैं।वो काम तो हो गया समझो।
दुसरी तरफ
हाथों में पकड़े फोन को देख रहा बंडू भाई तो गुस्से से पागल हो गया था। वो चिल्लाकर ” ओह शीट!” इन कल के छोकरों ने हमें ही फंसा दिया। पता है वो ड्रग्स कोई आम नहीं, अबतक तो उस पैकेट ने अपना काम करना स्टार्ट किया होगा।
तो समझें मतलब यहां रुकना नहीं भागों यहां से ऐर फटाफट वहां से बाहर निकल गये।
थर्ड फ्लोर पर
विभूति I am angel…. very sweet girl..
I am angel….
पर खुद को अपनी और खींचें इन्सान को
वो बस मुंह खोले उस आदमी को देख रही थी अपनी टिमटिमाती आंखों से मुझे गर्मी लग रही है, “फिर अपना पप्पी फेस बनाकर आप मेरी हेल्प करो ना?” में वॉशरूम जाना चाहती हू पर बहुत देर से ढुड रही हू पर मिल ही नही रहा है। तो फिर प ही बताओ !
” क्या करू मैं?”
और वही नीचे फ्लोर पर बैठ गई और अपने कपडे खीचने लगी पर उसने वंश का हाथ नहीं छोड़ा था। वंश की तो एंब्रोस कस गई थी। वो इस काली दुनिया का बादशाहा था तो सबकुछ अच्छे से जानता था। वो महक भी, जो लड़की के मुंह से आ रही थी। उसकी आंखें एक पल में डार्क हो गई,
वंश भी अब उसके साथ नीचे फ्लोर पर बैठ गया। पीछे से जो कुछ gardus आगे आ रहे थे वो एकदम freez हो गए अपने बोस को देखकर
“सर आप ये क्या कर रहे है?” एक बॉडीगार्ड ने पूछा।
वंश ने कुछ नही कहा “बस और्डर दिया था। उसकी वो डार्क आवाज गूंज गयी…….
” पता करो ये drugs अभी तक कौन यूज़ कर रहा है।” मेरे बैन करने पर भी?” किसकी मौत आई है जो ये हाय डोज वाला ड्रग लेकर आया है।
“यस सर” केहकर वो गार्ड्स असिस्टेंट को देखने चला गया।
“आप सब भी दूर जाकर खडे रहो सब के सब” बाकी सबलोग तो वहां से एक दूरी पर जाकर खड़े हैं गये थे पर।
वंश विभूति को देखकर हे एंजल टू मिनिट वेट करो और अपनी नज़रें —
समर और विशेष तो ध्यान से उस लड़की को देख रहे थे। जो नशे में चूर वंश के हाथों को पकडे बैठी थी, वंश ने खड़े लोगों पर अपनी एक सर्द निगाह उन पर डाली “क्या तुम्हे भी कोई अलग से कुछ केहने की जरूरत है।”
“यार हम जा रहे यहा से तू इन्जॉय कर हम कबाब मे हड्डी नही बनेगे !” पर उस इन्सान के एक्सप्रेशन देखकर वो लोग भी ऊसे चिढाकर यार पर एक बात बता तू ” गे ” तो नही है ना।
“तुझे पहली बार किसी के करिब देखा है बस इसलिए पूछा और कुछ नही, वो भी इतने गुस्से में।
उस काली आखो वाले इन्सान ने बॅक पोकॅट से अपनी गन निकाली और विधान के सर पर पोइंट कर निकालो नहीं तो लाश जायेगी यहां से तुम लोगों की।”
वंश के दिमाग में तो एक ही बात थी यह ड्रग्स इतना भयानक था कि इस ड्रग के साथ जो भी इंसान को दिया जाएगा उनसे दूसरे इंसान के साथ इंटीमेट होना ही पड़ता था। नहीं तो जान का खतरा बहोत ही ज्यादा होता था। शायद जान भी जा सकती थी। ये नशा जल्दी उतरता ही नहीं था। इस ड्रग की मांग ही यही थी, किसी की करीबी और वही सब एंजल के साथ हो रहा था।
पता नहीं क्यों वंश ऐसा पहली बार किसी लड़की के साथ और करीब ऐसै बैठकर उसे देख रहा था। उसको भी समझ में नही आ रहा था,उसके साथ है क्या रहा है।
इस काली दुनिया में आकर उसे इतने साल हो गये थे। पर आजतक वो किसी के साथ कनेक्ट नहीं हुआ था। ना उसे जरूरत लगी थी।
कौन थी ये रश्मी ?
कौन होंगे वो लोग..?
क्या वंश पकड़ पायेगा उनको …?”
और क्या होगा विभूति के साथ…….?
To be continued …..
क्या होगा आगे …