Novel name – Ye Ishq Nhi Aasan | ये इश्क़ नहीं आसान
Episode – 1 मैं तुम्हारी किस्मत हुँ
शहर कोलकाता में रात के 10 बजे
एक लड़की जिसने दुल्हन का लाल जोड़ा पहना हुआ था , वो तेज बारिश में एक सुनसान सड़क पर बेतहाशा भागे जा रही थी , उसके पीछे गुडों का एक बड़ा झुंड पड़ा हुआ था ।
भागते हुए लड़की इतना ज्यादा थक गई थी कि उसकी बॉडी में जैसे जान ही नहीं बची थी पर अपने पीछे आ रहे गुंडो को देखते हुए , वो लड़की रुकने की हिम्मत भी नहीं कर सकती थी ।
आंसुओं का सैलाब उसकी आंखों से इस बारिश से भी ज्यादा तेज बह रहा था , तभी उसके सामने एक ब्लैक कार आकर रुकी और जिसमे से एक बेहद हैंडसम सा लड़का उतरा ।
अपने सामने खड़े लड़के को देख कर लड़की को जैसे एक उम्मीद की किरण नजर आई , लड़की भागते हुए उस लड़के के पास गई और उसके आगे अपने हाथ जोड़ते हुए बोली, ” प्लीज मुझे बचा लो मेरे पीछे गुंडे पड़े हुए हैं प्लीज मुझे बचा लो , मेरी मदद कर दो । ”
वो लड़का जिसकी गहरी काली आंखें उस लड़की को एक टक घूरे जा रही थी , उसने लड़की से कहा, ” झील मैं यहां तुम्हें सबसे बचाने ही तो आया हूं । “
अपने सामने खड़े अनजान पर बेहद हैंडसम लड़के की बात सुन कर वो लड़की जिसका नाम झील था हैरान हो गई , झील ने हैरानी से अपनी आंखें बड़ी करके उस लड़के की तरफ देखा और उससे बोली, ” आप कौन हैं आपको मेरा नाम कैसे पता ? “
झीलों की बात सुन कर उस लड़के की आंखें और ज्यादा सर्द हो गई और उसने झील का हाथ पकड़ते हुए कहा, ” मैं तुम्हारी किस्मत हूं झील , जिसे तुम चाह कर भी नहीं बदल सकती । ”
उस अनजान लड़के की ऐसी बातें और उसकी आंखों में दिख रही नफरत को देख कर झील डर गई , झील उससे अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली, ” क्या कर रहे हैं आप , मेरा हाथ क्यों पकड़ रखा है छोड़िये मुझे । “
तभी झीलों की नजर अपने पीछे आ रहे गुंडों पर पड़ी , उन गुंडो को देख कर झील और ज्यादा पैनिक करने लगी , झील जबरदस्ती उसे लड़के से अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी , पर वो लड़का था कि झील का हाथ छोड़ने को तैयार ही नहीं था , डर और हड़बडाहट के मारे झील ने जोर से उसे लड़के की हाथ पर दांत काटना शुरू कर दिया , पर झील चाहे अपनी पूरी की ताकत क्यों ना लगा ले , उस लड़की के चेहरे पर एक शिकन भी नजर नहीं आ रही थी , ऐसा लग रहा था जैसे झील के काटने पर उसे लड़के कों कोई दर्द नहीं हो रहा था ।
झील को ज़ब उसके मुंह में उस लड़के के खून का एहसास होने लगा , तब जाकर झील ने उसका हाथ छोड़ा और उसकी तरफ देखते हुए मासूमियत से बोली, ” देखिए आप जो भी है प्लीज मुझे यहां से जाने दीजिए , मेरे पीछे गुंडे पड़े हैं , मैं तो आपको जानती भी नहीं हूं , फिर आप मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं ?
झील की बात सुन कर उस लड़के ने और ज्यादा नफरत से झील की तरफ देखते हुए कहा, ” रूद्र भारद्वाज किसी का हाथ छोड़ने के लिए नहीं पकड़ता और मैंने तो अभी तक तुम्हारे साथ कुछ किया भी नहीं , तुम तो अभी से डर रही हो , माय लिटिल पपेट तुम्हें अभी बहुत कुछ बर्दाश्त करना है , तैयार हो जाओ अपनी किस्मत , नहीं बुरी किस्मत जीने के लिए । ”
झील रुद्र की बात समझ पाती उससे पहले ही , उसने देखा कि उसके पीछे भागते हुए गुंडे अब उन दोनों के बहुत करीब आ गए थे , पर हैरानी की बात थी कि वो गुंडे रुद्र के सामने अपना सर झुका कर खड़े थे और बिल्कुल भी नहीं हिल रहे थे ।
ये देख झील को एहसास हुआ कि शायद रूद्र ही इन गुडों का बॉस है , इसलिए झील रूद्र की तरफ देखते हुए बोली, ” क्या ये आपके गुंडे हैं क्या आपने इन्हे भेजा था , आखिर आप है कौन और आप चाहते क्या है , देखिए आज मेरी शादी है मेरे घर पर सब चिंता कर रहे होंगे प्लीज मुझे जाने दीजिए । “
झील की इस बात को सुन कर रूद्र का गुस्सा आपे से बाहर हो गया , रूद्र ने गुस्से से झील की के गालों को पकड़ा और उसकी आंखों में आंखें डालते हो बोला, ” तुम्हें शादी करनी है वो भी किसी और से , पर मेरे होते हुए तुम किसी से शादी नहीं कर सकती । ”
फिर झील आगे रुद्र से कुछ कह पाती उससे पहले रूद्र ने जोर से झील का हाथ पकड़ा और अपनी गण निकाल कर उसे झील के ऊपर तान दिया , फिर रूद्र नें झील कों जबरदस्ती कार के अंदर बैठा दिया , झील के पीछे रूद्र भी कार के अंदर बैठ गया ।
रुद्र के कार में बैठते ही ड्राइवर ने फुल स्पीड से कार को भगाना शुरू कर दिया , जबकि रुद्र चुपचाप अपने पास बैठी झील को देख रहा था, जबकि झील की नज़रे लगातार रुद्र के हाथ में पकड़ी हुई गन पर थी , इस गन कों देख झील बहुत डर गयी थी ।
डर के मारे झील की हालत खराब थी , झील कों समझ नहीं आ रहा था कि रूद्र से कैसे बचे , डरते हुए झील नें आगे रुद्र से कहा, ” अ अ आप कौन हैं, आखिर आप मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं और आप मुझे कहां लेकर जा रहे हैं प्लीज मुझे छोड़ दो मुझे मुझे जाना है मेरी शादी है आज । “
इस बार झील की बात सुन कर रूद्र ने गन को झील के माथे पर पॉइंट किया और अपने दांत पीसते हुए बोला, ” देखो मेरा दिमाग वैसे ही खराब है तो अपना मुंह बंद रखो और चुपचाप बैठी रहो , क्योंकि मेरा गुस्सा बहुत खराब है । “
रूद्र की बात सुन कर बेचारी झील चुपचाप अपना मुंह बंद करके वहीं बैठी रही , झील के कपड़े पूरी तरह से गीले हो गए थे और कार का ए सी बहुत तेज था , जिस वजह से झील को बहुत ज्यादा ठंड लग रही थी , रुद्र यह देख पा रहा था की झील को कितनी ठंड लग रही थी फिर भी उसे झील पर कोई दया नहीं आ रही थी ।
झील कों देखते हुए रूद्र ने मन ही मन में कहा, ” मिस झील आनंद अभी तो तुम्हें और भी बहुत कुछ बर्दाश्त करना है , ये सब तो कुछ भी नहीं है । ”
जल्दी ही उनकी कार एयरपोर्ट पर आकर रुकी ।
जहां रुद्र का प्राइवेट जेट उसका वेट कर रहा था ।
कार से उतर कर रूद्र ने झील का हाथ टाइटली पकड़ा और उसे अपने प्राइवेट जेट की तरफ ले जाने लगा ।
अपने सामने खड़े प्राइवेट जेट को देख कर झील को अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था , झील अपना हाथ पकड़े हुए मिस्टीरियस रूद्र को हैरानी से देख रही थी झील कों अपनी आँखों पर भरोसा नहीं हो रहा था कि रूद्र ।
पर जल्दी ही झील कों होश आया , झील नें घबराते हुए मन ही मन में कहा, ” आखिर ये आदमी है कौन , और मुझे कहां ले जाना चाहता है कहीं ये मुझे ले जाकर बेच तो नहीं देखा , भगवान मैं किसी मुसीबत में पड़ गई हूं , मुझे किसी भी तरह से यहां से निकलना ही होगा । “
ये सारे ख्याल दिमाग में आते ही झील हड़बड़ा गई , और दोबारा से रूद्र से अपना हाथ छुड़ाने की कोशिस करनें लगी । इसके साथ ही झील नें जोर जोर से रोना भी शुरू कर दिया ।
साथ ही झील जोर जोर से चिल्ला रही थी – ” छोड़ो मुझे , कोई मेरी हेल्प करो , मुझे बचाओ कोई । “
झील की चीखेन एयरपोर्ट पर मौजूद सारे लोग सुन पा रहे थे , पर उनमे से किसी नें भी नें अपना सर उठा कर झील और रूद्र कों देखने की हिम्मत तक नहीं की ।
झील कों खुद से छूटने की कोशिस करते देख रूद्र नें घूर कर रोती हूई झील कों देखा फिर गहरी सांस लेकर रूद्र नें झील कों एक ही झटके में अपनी गोद में उठा लिया , और झील की चिखों कों इग्नोर करके उसे जैट में बिठा दिया ।
झील अपनी पूरी जान लगाकर , रुद्र से छूटने और उसे सेट से उतरने की कोशिश कर रही थी , इसलिए थक हार कर रूद्र ने झील को सीट से बांध दिया ।
करीब 2 घंटे बाद वो जैट अपनी डेस्टिनेशन पर पहुंच गया । इन दो घंटे में झील भी पूरी तरह से शांत हो गई थी , झील ने एक्सेप्ट कर लिया था कि इस तरह चिल्ला कर अपनी एनर्जी वेस्ट करके उसे कोई फायदा नहीं होगा ।
जैट से उतर कर रूद्र झील कों एक बड़े से विला में लें आया , इस बड़े से विला और खुद को अनजान जगह में पाकर झील अब काफी सहम गई थी , झील अब कुछ भी नहीं कह रही थी ।
रूद्र ने जब झील को इतना शांत देखा तो उसकी फेस पर एक बड़ी सी स्माइल आ गई ।
इसके बाद रुद्र झील को सीधा उसे विला में अपने बेडरूम ले गया ।
रूम में आने के बाद रूद्र ने कमरे का दरवाजा जोर से बंद किया और अपने सामने खड़ी झील को देखने लगा , रूद्र कों खुद को ऐसे घूरते देख झील को ऐसा लग रहा था जैसे वो कोई शिकारी हो और झील उसका शिकार ।
रुद्र की नजरें खुद पर महसूस करते हुए झील के माथे पर ठंडा पसीना आ गया , झील बस उस बड़े से रूम के दरवाजे को ही घूर रही थी , जिसे रूद्र ने बंद कर दिया था , झील डरते हुए रुद्र से बोली, ” आप मुझे यहां क्यों आए हैं आखिर आप मुझे चाहते क्या मुझे आप कुछ बात क्यों नहीं रहे हैं ? “
झील की बातें सुन कर रूद्र धीरे- धीरे उसके और पास बढ़ने लगा , झील के करीब जाकर रूद्र ने झील कों उसकी कमर से पकड़ कर अपने करीब कर लिया और बेहद शांत पर खतरनाक आवाज में रुद्र ने झील से कहा – ” माय लिटिल पपेट आज तुम्हारी शादी थी ना , अफसोस अब तो तुम्हारी शादी नहीं हो रही है , पर जब तुमने शादी का जोड़ा पहना ही है और इतना तैयार हुई हो तो क्यों ना हम सुहागरात ही मना लें ? “
रुद्र की इस बात को सुनकर झील ऐसे ही रुक गई झील और रुद्र इस वक्त एक दूसरे की बेहद करीब थे , रुद्र धीरे धीरे झील के ऊपर झुक रहा था जबकि झील रुद्र की बातें सुनकर इतना डर गई कि उसने रुद्र के सीने पर अपने हाथ मारना शुरू कर दिया , और जोर-जोर से रोने लगी ।
लेकिन रुद्र पर झील के रोने का कोई असर नहीं हो रहा था , रूद्र नें जोर से झील के दोनों हाथ पकड़ रखे थे और उसे बेड पर पटक दिया , फिर रूद्र झील के ऊपर आ गया और उसने बड़े ही बेदर्दी से जेल की सारी ज्वैलरीज उसकी बॉडी से अलग करती है इसके बाद रुद्र ने झील के कपड़ों को भी फाड़ दिया ।
रुद्र बड़ी बेदर्दी से झील की भी पूरी बॉडी पर किस कर रहा था या यूं कहें उसकी पूरी बॉडी पर काटे जा रहा था , झील अपने हाथो से रूद्र को रोकने की पूरी कोशिश कर रही थी पर रुद्र के आगे झील बहुत कमजोर थी ।
रूद्र नें बड़ी ही बेदर्दी से झील के कॉलर फोन पर किस करना शुरू कर दिया, धीरे -धीरे रूद्र नीचे की तरफ बढ़ रहा था ,
रुद्र के चेहरे पर एक शैतानी स्माइल आ गई ।
झील इतनी जोर से रो रही थी कि वो पूरा कमरा झील के रोने की आवाज से गूंज रहा था ।
झील कों इस तरह से रोते देख रूद्र हंसते हुए बोला, ” और जोर से रो , मुझे तुम्हारे आंसुओं को देख कर सुकून मिल रहा है , तुम्हें इस हालत में देख कर मुझे कितनी राहत मिल रही है तुम ये इमेजिन भी नहीं कर सकती । “
रुद्र के चेहरे पर इस वक्त एक अलग की तरह की हैवानियत नजर आ रही थी, जो झील का दिल दहला रही थी ।
आखिर ऐसा भी क्या किया है मासूम झील ने के रूद्र उससे इतनी ज्यादा नफरत करता है , और क्या अंजाम होगा इस नफरत से शुरू हुई कहानी का ?
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