ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें टेस्ट क्रिकेट से अपने शर्तों पर संन्यास लेने का पूरा हक है, चाहे उनकी बैटिंग ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस सीरीज में उम्मीद के अनुसार नहीं रही हो।
रोहित शर्मा का दबाव: रोहित शर्मा पर दबाव धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है, क्योंकि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीन टेस्ट मैचों में अभी तक उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा है। इस बीच, टीम के एक और प्रमुख खिलाड़ी विराट कोहली भी आलोचना का सामना कर रहे हैं, क्योंकि वे बार-बार ऑफ स्टंप के बाहर गेंदों पर आउट हो रहे हैं।
माइकल क्लार्क ने कहा, “आप देख सकते हैं कि यह स्थिति कई खिलाड़ियों के साथ होती है – कुछ के लिए कप्तानी मददगार साबित होती है, और कुछ के लिए नहीं। मुझे पूरी उम्मीद है कि रोहित सिडनी टेस्ट में खेलेंगे। मुझे नहीं लगता कि उन्हें ड्रॉप किया जाएगा। मुझे लगता है कि रोहित ने खुद के शर्तों पर टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का हक अर्जित किया है। जब आप कप्तान होते हैं, तो आपको थोड़ा अधिक लचीलापन मिलता है।”
रोहित शर्मा की कप्तानी पर विचार: रोहित शर्मा की कप्तानी में उनका बल्लेबाजी औसत 30.58 है, जबकि कप्तान बनने से पहले उनका औसत 46.87 था। हालांकि, माइकल क्लार्क का मानना है कि रोहित को अपने शर्तों पर क्रिकेट छोड़ने का पूरा हक है। वह यह भी कहते हैं कि उन्हें यह नहीं पता कि सिडनी टेस्ट उनके लिए अंतिम होगा या नहीं, लेकिन “मुझे उम्मीद है कि वह सिडनी टेस्ट में जरूर खेलेंगे।”
आइए जानें, माइकल क्लार्क के विचार: “रोहित शर्मा के लिए यह एक अद्वितीय अवसर है, उन्हें खुद निर्णय लेने का हक है,” माइकल क्लार्क ने कहा। “वह एक महान खिलाड़ी हैं और उन्हें खेलने का और अपने शर्तों पर संन्यास लेने का पूरा अधिकार है।”
नितीश कुमार रेड्डी के बारे में क्लार्क का दृष्टिकोण: माइकल क्लार्क ने नितीश कुमार रेड्डी की भी सराहना की, जिन्होंने MCG में नंबर 8 पर बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ा था। “रेड्डी एक अद्वितीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। मैं मानता हूं कि उसे अब नंबर 7 या 6 पर बल्लेबाजी करनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि रेड्डी ने किसी भी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज से डरकर बल्लेबाजी नहीं की और अपनी बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया।