एक समय की बात है, एक गर्मी के मौसम में एक प्यासा कौवा जंगल में उड़ता हुआ पानी की तलाश में था। उसे कहीं भी पानी का स्रोत नहीं मिला। थक-हार कर वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया और गिलहरी से पूछा, “क्या तुम मुझे पानी का स्रोत बता सकती हो?”
गिलहरी ने कौवे को एक छोटे से तालाब के पास भेजा। लेकिन कौवा ने देखा कि पानी काफी गहरा था। वह काफी परेशान हो गया। तब गिलहरी ने कौवे से कहा, “तुम पानी को कम गहरा कर सकते हो। बस तुम चट्टान को तोड़कर थोड़ा पानी ऊपर ला सकते हो।” कौवा ने गिलहरी की बात मानी और अपने चोंच से चट्टान को तोड़ते हुए पानी लाया।
कहानी से शिक्षा: यह कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर मेहनत की जाए, तो किसी भी समस्या का समाधान मिल सकता है।