केंद्र सरकार ने कक्षा 5 और कक्षा 8 के लिए ‘नो डिटेंशन’ नीति को समाप्त कर दिया है, जिससे अब स्कूल उन छात्रों को फेल कर सकते हैं जो वर्ष के अंत की परीक्षा में सफल नहीं होते।
शिक्षा मंत्रालय ने 16 दिसंबर को एक गजट अधिसूचना जारी की, जिसमें “राइट ऑफ चिल्ड्रन टू फ्री एंड कंपल्सरी एजुकेशन (अमेंडमेंट) रूल्स, 2024” का उल्लेख किया गया है। इस अधिसूचना के अनुसार, यदि कोई छात्र कक्षा 5 या 8 में नियमित परीक्षा में पदोन्नति के मानदंडों को पूरा नहीं करता है, तो उसे फेल किया जा सकता है।
सुधारात्मक उपायों पर जोर
मंत्रालय ने इस नए नियम में यह भी स्पष्ट किया है कि छात्रों के सीखने में जो भी अंतर हैं, उन्हें समाप्त करने के लिए सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता है। यानी, जो छात्र परीक्षा में पास नहीं होते, उनके लिए एक व्यक्तिगत शैक्षिक योजना बनाई जाएगी, ताकि वे अपने ज्ञान में सुधार कर सकें और अगले साल के लिए बेहतर तैयारी कर सकें। यह नीति यह सुनिश्चित करने के लिए है कि छात्रों की शिक्षा में कोई भी कमी दूर की जाए, और केवल उन्हें फेल करके छोड़ने का कोई उद्देश्य नहीं है।
कक्षा 5 और 8 में छात्रों को बिना परीक्षा में पास हुए अगले कक्षा में प्रमोट करने की ‘नो डिटेंशन’ नीति, जो पहले लागू थी, अब समाप्त हो गई है। अब से, छात्रों की शैक्षिक प्रगति की सख्ती से निगरानी की जाएगी, और जो बच्चे वर्ष के अंत में परीक्षा में सफल नहीं होंगे, उन्हें पुनः प्रयास करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
गजट अधिसूचना का महत्व
यह बदलाव शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि यह न केवल बच्चों के शैक्षिक स्तर को बेहतर बनाएगा, बल्कि छात्रों के लिए सुधारात्मक उपायों को भी सुनिश्चित करेगा, ताकि वे अपनी शिक्षा में कोई अंतर महसूस न करें।
नई गजट अधिसूचना के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया है कि अब स्कूलों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे छात्रों को केवल फेल करने तक सीमित न रखें, बल्कि उनके लिए उपायों को लागू करें ताकि वे अगले वर्ष की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।