कर्म ही पूजा है – सिंह और उसके मंत्री की कहानी

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एक समय की बात है, एक जंगल में एक सिंह और उसका मंत्री, एक चालाक लोमड़ी, रहते थे। एक दिन सिंह को भूख लगी और उसने जंगल के जानवरों से शिकार करने का आदेश दिया। लोमड़ी ने सिंह से कहा, “महाराज, यदि आप शिकार के लिए जंगल में जाएँगे, तो दूसरे जानवर डर जाएंगे और शिकार करना मुश्किल होगा।”

सिंह ने उसकी बात मानी और उसने लोमड़ी से कहा कि वह एक शिकार की व्यवस्था करें। लोमड़ी ने अपने दिमाग से काम लिया और एक नायक शेर के सामने एक चालाक भालू को भेज दिया। भालू शेर के पास गया और उसने शेर से कहा, “महाराज, आजकल शिकार की कमी हो गई है। मैं जंगल के राजा के पास जाना चाहता हूँ, ताकि मैं शिकार लाकर आपके लिए ले आ सकूँ।” सिंह ने उसकी बात मानी और कहा, “तुम काम करो, तुम्हें आशीर्वाद मिलेगा।”

कहानी से शिक्षा: यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें किसी भी कार्य को बिना सोचे-समझे नहीं करना चाहिए, बल्कि किसी भी कार्य में सच्ची निष्ठा और मेहनत से ही सफलता मिलती है।

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