ऑस्ट्रेलिया के युवा क्रिकेटर सैम कॉनस्टास अपनी क्रिकेट यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं। उन्हें आगामी बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलिया की प्लेइंग XI में शामिल किए जाने की संभावना है, और इस मैच में उनका सामना भारत के जसप्रीत बुमराह से हो सकता है। बुमराह, जो इस समय टेस्ट क्रिकेट में दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक माने जाते हैं, के खिलाफ यह कॉनस्टास का पहला मुकाबला होगा।
सैम कॉनस्टास का आत्मविश्वास और बुमराह के खिलाफ चुनौती
19 साल के सैम कॉनस्टास ने टीम में अपनी जगह बनाने के बाद काफी आत्मविश्वास जताया है, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वे बुमराह के खिलाफ खेलने के लिए खुद को मानसिक रूप से अधिक दबाव में नहीं डालेंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे बुमराह के बारे में कुछ जानकारियों को जरूर देखेंगे, लेकिन ज्यादा वीडियो नहीं देखेंगे। उन्होंने कहा, “मैंने पहले ही बहुत कुछ देखा है, लेकिन मैं खुद को चुनौती देने के लिए उत्साहित हूं। आमतौर पर हमारे विश्लेषक हर गेंदबाज पर थोड़ा फीडबैक देते हैं, शायद मैं वो देखूं।”
कॉनस्टास ने भारत के खिलाफ पिंक बॉल प्रैक्टिस मैच में शानदार प्रदर्शन किया था, हालांकि इस मैच में बुमराह ने भाग नहीं लिया था, और अब एमसीजी टेस्ट में उनका सामना बुमराह से होगा। इस सीरीज में बुमराह ने 21 विकेट लिए हैं, जिनमें से 10 विकेट ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष-3 बल्लेबाजों – नाथन मैकस्विनी, उस्मान ख्वाजा और मर्नस लाबुशेन – के हैं।
मौका और आत्मविश्वास
कॉनस्टास का चयन नाथन मैकस्विनी की जगह किया गया है, जो तीन टेस्ट मैचों में बड़ी पारी नहीं खेल पाए थे। यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि भारत के खिलाफ कुछ नया किया जा सके, खासकर जब सीरीज 1-1 से बराबरी पर है।
कॉनस्टास ने हाल ही में शेफील्ड शील्ड में अच्छा प्रदर्शन किया है, और उन्होंने अपने आत्मविश्वास के बारे में कहा, “मैं पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरा हूं। मैंने कड़ी मेहनत की है, बस इसे सरल रखने की कोशिश करूंगा।” उन्होंने यह भी कहा कि बचपन से ही ऐसे अवसर का सपना देखा था और अगर उन्हें खेलन का मौका मिलता है तो यह उनके लिए एक बड़ा सम्मान होगा।
परिवार के साथ जश्न
जब कॉनस्टास को टीम में शामिल किए जाने की घोषणा की गई, तो उन्होंने अपने परिवार के साथ इस खुशी को साझा किया। उन्होंने कहा, “यह थोड़ा अप्रत्याशित था, लेकिन यह एक बड़ा सम्मान है। मैंने परिवार के साथ डिनर किया और यह बहुत इमोशनल था। मेरी मां रो रही थीं। सब कुछ बहुत तेजी से हुआ।”
उनके अनुसार, उनके माता-पिता और भाई-बहनों ने उनके सफर में कई कठिनाइयों का सामना किया है। उन्होंने कहा, “माँ-पापा और मेरे भाई-बहनों की सारी बलिदान, मुझे ट्रेनिंग में ले जाना, मुझे सपोर्ट करना – यह सब बहुत खास था। अब मुझे उनके लिए कुछ देना बहुत अहम है। मैं मेलबर्न में उनका समर्थन पाने के लिए उत्साहित हूं।”
सैम कॉनस्टास के लिए यह यात्रा बस एक शुरुआत है, और यदि उन्हें आगामी टेस्ट मैचों में बुमराह जैसे गेंदबाज का सामना करने का अवसर मिलता है, तो यह उनके करियर का महत्वपूर्ण मोड़ होगा। उनका आत्मविश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण यह दिखाता है कि वे इस चुनौती का पूरी तरह से सामना करने के लिए तैयार हैं। उनके लिए यह न केवल एक व्यक्तिगत सफलता होगी, बल्कि ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के लिए भी एक नई उम्मीद की किरण बन सकती है।